चंडीगढ़ : हाल में चयनित जेबीटी टीचरों को नियुक्ति पत्र मिलने का मामला लटकता नजर आ रहा है। सरकार द्वारा 9647 जेबीटी टीचरों को स्टेशन अलाट करने व जल्द ही नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया के खिलाफ जींद निवासी महासिंह ने निदेशक प्राथमिकी स्कूली शिक्षा विभाग व सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को अग्रिम अवमानना का नोटिस भेजा है।
नियुक्ति देने पर सरकार अवमानना की दोषी होगी। अध्यापक पात्रता परीक्षा 2013 में उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को इस भर्ती में भाग लेने की मांग करने वाली याचिका अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है। याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस पर आधारित खंडपीठ ने 6 अगस्त को सरकार को परिणाम घोषित करने की छूट इस आधार पर दी थी कि वह सभी तरह के प्रमाण पत्रों तकनीकी जांच करने के बाद ही नियुक्ति पत्र दे। नोटिस में कहा गया कि सरकार ने जल्दबाजी में परिणाम घोषित करने के तुरंत बाद ही शिक्षा विभाग की अपेक्षा टीचर सलेक्शन बोर्ड के माध्यम से सभी चयनित टीचर को स्टेशन अलाट कर दिए जबकि अभी तक इनके प्रमाणपत्र की जांच की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई है। नोटिस में बताया गया कि वर्ष 2011 में चयनित 8285 जेबीटी अध्यापकों भर्ती की जांच में पता चला कि आधे से ज्यादा नियुक्त शिक्षकों के अध्यापक पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र की परीक्षा में लिए गए अंगूठे के निशान मिल नहीं रहे और वो मामला अब भी हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
इसलिए नियुक्ति देने से पहले यह जांच पूरी होनी चाहिए न कि 2011 में चयनित 8285 जेबीटी अध्यापकों की तरह मामला बाद में सामने आए। सरकार ने हाईकोर्ट में 9647 जेबीटी टीचरों का परिणाम घोषित करने जब इजाजत मांगी थी उस समय एडवोकेट जनरल ने पेश होकर कहा था कि उम्मीदवारों के प्रमाणपत्रों जिसमें अनुभव, डिग्री खासकर अध्यापक पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र की परीक्षा में लिए गए अंगूठे, फोटो व हस्ताक्षर की तकनीकी जांच पूरी करने के बाद ही नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.