चंडीगढ़ : फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रधान कुलभूषण शर्मा ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार लगातार प्राइवेट स्कूल संचालकों के हितों की अनदेखी कर रही है। प्रदेशभर में 1272 स्कूल 10 साल से अस्थायी मान्यता के सहारे चल रहे हैं। फेडरेशन ने इनको स्थायी मान्यता देने की मांग बार-बार उठाई लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया।
शर्मा ने कहा कि सरकार की स्कूल अपग्रेड करने की नई पॉलिसी से कुछ ही स्कूलों को लाभ मिलेगा। यदि सरकार सच में निजी स्कूल संचालकों को राहत देना चाहती है तो उसे अपग्रेडेशन के लिए हाई सीनियर सेंकेंडरी स्कूलों की जगह और कमरों की संख्या को लेकर रखी गई शर्त में छूट देनी चाहिए। शर्मा ने कहा कि सरकार ने अपग्रेड प्रणाली में भूमि शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया। ऐसे में राज्य के सिर्फ 2 से 5 फीसदी स्कूल संचालकों को इसका लाभ मिल पाएगा।
सरकार ने अपग्रेड के इच्छुक स्कूल संचालकों को एक महीने में आवेदन करने के लिए कहा है जबकि कई स्कूलों की मान्यता से संबंधित फाइलें विभाग के पास लटकी हैं। कुलभूषण ने कहा कि सरकार पुराने स्कूलों के लिए आवेदन की समय सीमा तय करने की जगह उन्हें कभी भी अप्लाई करने की छूट दे।
जो स्कूल वर्ष 2011 में शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) लागू होने से पहले से चल रहे हैं, उन सभी को बिना शर्त अपग्रेडेशन प्रणाली का लाभ मिलना चाहिए। इन स्कूलों के अपग्रेड होने के कारण इनमें पढ़ रहे बच्चों को मजबूरन दूरदराज के स्कूलों में जाना पड़ेगा। db
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