** सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आखिरी समय में परीक्षा पर रोक नहीं लगाई जा सकती
** अदालत ने कहा- सीसैट पर ऐतराज का पहले ही हुआ निपटारा खारिज की याचिका
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने रविवार, 24 अगस्त को होने वाली संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सर्वोच्च अदालत ने शनिवार को कहा कि सी-सैट को लेकर छात्रों के ऐतराज का मसला पहले ही सुलझाया जा चुका है। ऐसे में अंतिम समय में परीक्षा पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। प्रारंभिक परीक्षा में करीब नौ लाख छात्र अपनी किस्मत आजमाएंगे।
सर्वोच्च अदालत ने शनिवार को कार्यदिवस नहीं होने के बावजूद इस मामले में विशेष सुनवाई की। जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ ने प्रारंभिक परीक्षा पर रोक लगाने की अर्जी खारिज कर दी। पीठ ने पूरे मामले में करीब आधे घंटे तक सुनवाई की, लेकिन याचिकाकर्ता की इस दलील से सहमत नहीं हुई कि परीक्षा की मौजूदा प्रणाली विज्ञान पृष्ठभूमि के छात्रों को अनुचित फायदा पहुंचाती है। शीर्ष अदालत ने कहा कि आपने सिर्फ व्याख्यात्मक हिस्से की तरफ इशारा किया, जबकि उसे हटाया जा चुका है। बीमारी का इलाज तो किया जा चुका है। पीठ ने यूपीएससी के उस फैसले की ओर इशारा करते हुए यह बात कही जिसमें परीक्षार्थियों से कहा गया है कि वे 24 अगस्त को होने वाली यूपीएससी परीक्षा के दूसरे प्रश्न पत्र सी-सैट में अंग्रेजी व्याख्यात्मक के सवालों के जवाब न दें, क्योंकि उनके अंक मेरिट में नहीं जोड़े जाएंगे। पीठ ने याचिकाकर्ता अंगेश कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि आपकी परेशानी को खत्म किया जा चुका है और अब आप अच्छी स्थिति में हैं। बेहतर यही है कि इससे संबंधित शैक्षणिक मुद्दे पर निर्णय लेने का जिम्मा सरकार और उसके विशेषज्ञ निकायों पर छोड़ दिया जाए क्योंकि मेरिट का आकलन आपके हिसाब से नहीं किया जा सकता। हालांकि अदालत ने यह भी कहा कि अच्छे छात्र विज्ञान और चिकित्सा क्षेत्र में पढ़ाई करते हैं और यही कारण है कि इस क्षेत्र के लोग परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
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