** सरकार ने रेगुलर पदों पर नियुक्ति के बावजूद नहीं हटाया था, अब तकनीकी कारण का हवाला
** सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर मांगा समय
चंडीगढ़/गोदबलाहा : प्रदेश में सभी 719 गेस्ट टीचर्स को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने छह सप्ताह में हटाने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को प्रदेश सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा कि 719 गेस्ट टीचर्स में से 193 को हटाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं, बाकी टीचर्स को हटाने के लिए उन्हें कुछ समय और दिया जाए। हाईकोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार को 6 सप्ताह का समय देते हुए सभी गेस्ट टीचर्स को हटाने के निर्देश दिए।
प्रदेश सरकार ने गेस्ट टीचर्स की भर्ती की थी। रेगुलर पदों पर नियुक्तियां करने के बाद भी इन टीचरों को हटाया नहीं गया था। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए इन्हें हटाने की मांग की गई थी। हाइकोर्ट ने रेगुलर नियुक्तियों के बाद गेस्ट टीचर्स को हटाने के निर्देश दिए थे।
वहीं, दूसरी ओर इस संबंध में हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट के इन आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार की याचिका को खारिज कर अध्यापकों को हटाने के हाईकोर्ट के आदेशों को सही ठहराया था। गुरुवार को हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि गेस्ट टीचर्स को हटाने की प्रकिया आरंभ कर दी गई है। इस प्रकिया को पूरा करने के लिए उन्हें समय दिया जाए। कोर्ट ने छह सप्ताह का समय देते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
स्थायी करने का मामला
...तो जंतर-मंतर पर डटेंगे :
अध्यापक संघ के कुलवीर छिलौरी का कहना है कि जब गेस्ट टीचरों की भर्ती की गई, उस वक्त विषय तालमेल अयोग्य यूनिवसिर्टी के संबंध में पांच वर्ष की छूट का प्रावधान रखा गया। राजस्थान हिमाचल में गेस्ट टीचरों के मामले को कैबिनेट द्वारा सुलझाया जा चुका है। फिर प्रदेश सरकार इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल रही है। यदि समय रहते शिक्षा विभाग सरकार ने इस मामले को नहीं सुलझाया तो सभी टीचर एकजुट होकर दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना देंगे। वहीं दूसरी ओर कुछ ने शिक्षा विभाग के इस कदम को सहरानीय बताया।
हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट की फटकार
गेस्ट टीचरों को नहीं हटाए जाने पर हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को दिसबंर २०१४ को अवमानना का नोटिस भी जारी किया था। उस वक्त शिक्षा विभाग से पूछा गया था कि नियमित शिक्षकों की भर्ती के बाद भी गेस्ट टीचर्स क्यों नहीं हटाए गए। इसके बाद गेस्ट अध्यापक मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया। इसके बाद न्यायालय की सख्ती प्रदेश सरकार से अपेक्षाकृत समर्थन नहीं मिलने के बाद लगभग १५ हजार गेस्ट टीचर्स अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
टाल रहे हैं शिक्षा मंत्री
गेस्ट अध्यापक यूनियन के नेताओं का कहना है कि शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा से इस संबंध में कई बार मिलकर स्थिति से अवगत करवाया जा चुका है। शिक्षा मंत्री गेस्ट टीचरों के स्थायी किए जाने के मामले में आश्वासन के सिवाय कुछ भी नहीं कर रहे। गेस्ट टीचर्स पिछले नौ सालों से दिहाड़ी मजदूरों के समान प्रदेश के शिक्षा के स्तर को संवारने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि सरकार उन्हें स्थायी किए जाने के संबंध में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठा रही है। इससे वह पिछले एक दशक से आर्थिक मानसिक रूप से परेशान हैं। db
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