.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Saturday, 12 September 2015

सरकारी स्कूलों में पढ़े अफसरों के बच्चे, जनहित याचिका दायर

** हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर की मांग 
चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों और अफसरों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना जरूरी करने के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इस पर सोमवार को जस्टिस सतीश कुमार मित्तल और जस्टिस महावीर सिंह चौहान की खंडपीठ सुनवाई करेगी। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अफसरों को अपने बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ने के आदेश दे चुकी है। 
हाईकोर्ट के वकील जगबीर मलिक की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया कि हरियाणा में सरकारी स्कूलों की हालत दयनीय है। स्कूलों को अपग्रेड करने की जरूरत है। ऐसे में इलाहबाद हाईकोर्ट के फैसले की तरह पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट भी फैसला दे कि सरकारी कर्मचारियों, अफसरों और नेताओं के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ें, ताकि इन स्कूलों के हालात सुधर सकें। 
आमजन खुश, अफसर दुखी 
इलाहाबाद हाईकोर्ट 18 अगस्त को उत्तर प्रदेश के करीब 40 लाख सरकारी कर्मचारियों और अफसरों को अपने बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ने के आदेश दे चुकी है। इस फैसले पर आम लोगों ने खुशी जाहिर की थी। वहीं, कुछ लोगों ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने की बाध्यता को मौलिक अधिकार के खिलाफ बताया है। 
कई याचिकाएं हुई थीं दायर 
यूपी में सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में गड़बडिय़ों की शिकायतों की इलाहाबाद हाई कोर्ट में कई याचिकाएं आई थीं। इस पर अदालत ने लिखा कि सरकारी प्राइमरी स्कूलों की पढ़ाई घपलों-घोटालों और भ्रष्टाचार की शिकार है। स्कूलों में पीने का पानी है वाशरूम। पेड़ के नीचे पढ़ाई होती है, क्योंकि डीएम, एसपी के बच्चे इन स्कूलों में नहीं पढ़ते। इसलिए सरकार से पैसा पाने वाले हर शख्स का बच्चा यहीं पढ़ें, जो भेजें उन पर फाइन लगाया जाए।                                                                           db

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.