इस बार नया सत्र शुरू होने के साथ स्थिति सुधरने के बजाए बिगड़ी है। जो कोर्स चल रहे थे, संस्थानों ने उनमें से कुछ को सरकार को वापस कर दिया है। सोनीपत में इसका असर बहुतकनीकी संस्थान एवं फार्मेसी में देखने को मिला है। जिसमें राजकीय संस्थान में जहां आईटी का कोर्स बंद हुआ तो निजी संस्थान में फार्मेसी का कोर्स सरेंडर कर दिया है। यह स्थिति को देखकर क्षेत्र के अन्य संस्थान संचालक भी बेचैन हैं।
दाखिलों को लेकर अपनी स्थिति बेहतर बनाने के लिए वे दूर प्रदेशों से विद्यार्थियों को यहां लाने के लिए निकल चुके हैं, कोई जम्मू कश्मीर की यात्रा पर है तो किसी ने नेपाल की ओर रूख किया है। वहीं बिहार, झारखंड एवं यूपी में भी एडमिशन सेंटर खोले गए हैं।
बी फार्मेसी के तहत दाखिले रहेंगे जारी
बीपीएस महिला बहुतकनीकी संस्थान, खानपुर कलां के प्रिंसिपल डॉ. पवन दहिया के मुताबिक कोर्स में विद्यार्थियों का अपेक्षित रुझान नहीं रह गया था। जब दाखिले ही नहीं है तो कोर्स चलाकर सरकार का नुकसान करने भी ठीक नहीं है। वहीं दूसरी जीवीएम शिक्षण संस्था के प्रधान डॉ. ओपी परूथी ने बताया कि डी फार्मेसी में महज आठ दाखिले थे, उस पर उसके लिए अलग से भवन और लैब चाहिए थी। इसलिए हमने कोर्स ही सरेंडर कर दिया। हालांकि संस्थान में बी फार्मेसी के तहत दाखिले जारी रहेंगे।
20 मई तक कोर्स बंद करने के दिए थे निर्देश
हरियाणा स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्नीकल एजुकेशन की ओर से 20 मई को जारी निर्देश के तहत बीपीएस महिला बहुतकनीकी संस्थान, खानपुर कलां से इनफॉरमेशन टेक्नालॉजी कोर्स को बंद किया गया है। जीवीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी में डी फार्मेसी कोर्स को बंद किया गया है।
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