.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***

Friday, 13 May 2016

71 सरकारी स्कूलों में केवल पांच सौ विद्यार्थियों ने लिया है दाखिला

** वर्ष 2015-16 में 13 सौ विद्यार्थियों ने लिया था पहली कक्षा में दाखिला, इस साल मात्र पांच सौ ने 
** पहली कक्षा में पिछले साल की अपेक्षा दाखिले में गिरावट, पचास प्रतिशत ही हुए दाखिले 
राई : सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों का प्रेम लगातार कम हो रहा है। इसी वजह से नए सत्र में पहली कक्षा के दाखिलों में गिरावट देखी जा रही है। क्षेत्र में पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष आधे से भी कम बच्चों ने सरकारी स्कूल में दाखिला लिया है। गुरुवार को खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र मोर ने मीटिंग में इस पर चिंता जताई। उन्होंने सभी प्राचार्य, हेडमास्टर प्राइमरी विंग के मुख्यध्यापकों को आदेश दिया कि ग्रीष्मकालीन छुटिट्यों से पहले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने का प्रयास करें। जिस स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ेगी, उस स्कूल के मुखिया को विभाग की तरफ से सम्मानित कराने का प्रयास वे करेंगे। 
किसी भी स्कूल में छात्रों की संख्या पहली कक्षा के दाखिला पर ही निर्भर करती है। यदि प्री नर्सरी या पहली कक्षा में ही बच्चा प्राइवेट स्कूल में जाने लगता है तो फिर सरकारी स्कूल में उसके दाखिले की संभावना के बराबर रह जाती है। गुरुवार को खंड शिक्षा कार्यालय राई में बीईओ सुरेंद्र मोर ने मीटिंग बुलाई थी। जिसमें गहरी चिंता जताई कि इस सत्र में पहली कक्षा के दाखिले संतोषजनक नहीं हैं। यह सभी प्राचार्य, हेडमास्टर मुख्यध्यापकों के लिए चिंता चिंतन दोनों का विषय है। मीटिंग में खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी जगबीर सिंह भी मौजूद रहे। 
"मैंने सख्त आदेश दे दिए हैं कि बच्चों की घटती संख्या सही नहीं है। गर्मी की छुटिट्यों से पहले इसे हर हालत में बढ़ाएं।''-- सुरेंद्र मोर,खंड शिक्षा अधिकारी राई। 
कम दाखिले होना चिंता की बात 
शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2015-16 में पहली कक्षा में करीब 13 सौ बच्चों ने दाखिला लिया था। इस बार विभाग को उम्मीद थी कि दाखिलों में वृद्धि होगी, लेकिन रिजल्ट इसके विपरीत आया है। इस बार केवल पांच सौ बच्चों ने ही सरकारी स्कूल में दाखिला लिया है, जो विभाग के लिए चिंता की बात है। 
आपसे ज्यादा इंटेलिजेंट नहीं है प्राइवेट स्कूल के टीचर्स 
मीटिंग में बीईओ सुरेंद्र मोर ने दो टूक शब्दों में कहा कि आपसे (सरकारी शिक्षकों) ज्यादा इंटेलिजेंट नहीं है प्राइवेट स्कूल के टीचर्स। आप तो एमए बीएड, बीएड या पीएचडी भी मिल सकते हो, प्राइवेट में तो दसवीं, बारहवीं पास टीचर्स पढ़ा रहे हैं। आप काम के प्रति लापरवाही बरत रहे हो, उसका फायदा प्राइवेट स्कूल वाले उठा रहे हैं। आप टीचर्स अभिभावक बच्चों का विश्वास जीतने में नाकामयाब हो रहे हो।                                                                   db

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.