भिवानी : भिवानी के पांच स्कूलों का 10वीं का परीक्षा परिणाम शून्य रहा। इसका ठीकरा प्राचार्यों ने शिक्षकों बच्चों पर फोड़ा है तो किसी ने शिक्षकों की कमी बताई है। शून्य प्रतिशत परिणाम के लिए शिक्षकों की कमी नहीं, बल्कि किसी ने यह कहा कि अध्यापकों ने कम पढ़ाया तो किसी ने कहा कि बच्चे पढाई में कमजोर थे। कुछ स्कूलों में स्टॉफ की भी कमी देखने को मिली।
स्कूल में नहीं थे टीचर : फरीदाबाद : ढेकोलास्कूल की इंचार्ज किरणबाला ने बताया कि उनके स्कूल की 10वी कक्षा में दो लड़कियां थी। दोनों फेल हो गईं। पहले सेमेस्टर में भी दोनों लड़कियां फेल थीं। पिछले साल उनके स्कूल में 10वी में 15 छात्र थे। सभी फेल हो गए थे। स्कूल में साइंस सामाजिक विज्ञान के दो ही रेगुलर टीचर हैं। मैथ का टीचर सालभर में केवल 15 दिन दूसरे स्कूल से बुलाए गए थे। इसके अलावा अक्सर दोनों लड़कियां भी घर से स्कूल जबरदस्ती लानी पड़ जाती थी।
इन स्कूलों का रहा जीरो
अंबाला : खालसा हाई स्कूल, कोर्ट रोड अंबाला सिटी
भिवानी : राजकीय उच्च विद्यालय घसोला
भिवानी : राजकीय उच्च विद्यालय हेतमपुरा
भिवानी : राजकीय उच्च विद्यालय जताई
भिवानी : राजकीय उच्च विद्यालय नांगल
भिवानी : राजकीय सीनियर सेकंडरी स्कूल गागड़वास
फरीदाबाद : राजकीय उच्च विद्यालय ढकोला
झज्जर : वैश्य उच्च विद्यालय मंडी बहादुरगढ़
जींद : राजकीय उच्च विद्यालय मंडी कलां
जींद: राजकीय उच्च विद्यालय कुच्छरणकलां
करनाल : राजकीय उच्च विद्यालय बालु
करनाल : राजकीय उच्च विद्यालय जभाला
करनाल : राजकीय उच्च विद्यालय शेखुपुरा मंचूरी
पानीपत : राजकीय उच्च विद्यालय चुलकाना
रोहतक : राजकीय उच्च विद्यालय गढ़ी बलार
रोहतक : राजकीय उच्च विद्यालय गुही
सिरसा : एसजीजीएस खालसा हाई स्कूल सिरसा
सात बच्चे फेल :
राजकीयउच्च विद्यालय घसोला में 10वीं में सात बच्चे अपीयर हुए थे। एक भी पास नहीं हुआ। चार बच्चे एक पेपर में फेल हुए तो तीन बच्चे एक से अधिक विषयों में। स्कूल मुख्य अध्यापक प्रद्युमन सिंह ने कुछ बताने से इंकार करते हुए कहा कि यह सब मेरी जिम्मेदारी है।
20 में से 14 अपीयर :
राजकीयवरिष्ठ माध्यमिक सीनियर सेकंडरी स्कूल हेतमपुरा के 20 बच्चों ने 10वीं की परीक्षा दी। इनमें से 14 अपीयर हुए। 14 में से आठ को एक पेपर में छह को एक से अधिक विषय में रीअपीयर हैं, एक भी बच्चा पास नहीं हुआ। स्कूल प्राचार्या राजबाला ने बताया कि 2013 से गणित विज्ञान अध्यापकों के पद रिक्त हैं। अध्यापकों के पद खाली होने से अच्छे बच्चे स्कूल छोड़ गए।
सभी 19 बच्चे फेल :
राजकीयउच्च विद्यालय जताई में 19 बच्चों में से एक भी बच्चा पास नहीं हुआ। 18 बच्चे अपीयर हुए जिनमें से 12 की एक विषय में छह की एक से अधिक विषयों में रिअपीयर है। मुख्य अध्यापक सतबीर सिंह ने बताया कि मैं तो हर शिक्षक को क्लास लगाने की कहता था, लेकिन परिणाम देखकर पता चलता है कि उन्होंने पढ़ाया ही नहीं बच्चों ने अध्ययन नहीं किया।
बच्चोंको बताया पढ़ाई में कमजोर :
राजकीयउच्च विद्यालय नांगल के 22 बच्चों में से 19 परीक्षा में बैठे थे। 12 बच्चे एक विषय में सात एक से अधिक विषयों में अनुतीर्ण हुए। स्कूल मुख्याध्यापक सुरेश कुछ भी कहने से कतराते रहे। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं इसलिए कोई पास नहीं हो सका।
अन्य स्कूलों में चले गए बच्चे :
राजकीयवरिष्ठ माध्यमिक स्कूल गागड़वास में दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा केवल एक ही विद्यार्थी ने दी। स्कूल में प्राचार्या का पद रिक्त है। सोहांसडा स्कूल के प्राचार्य रघुबीर सिंह को गागड़वास स्कूल के प्राचार्य का अतिरिक्त कार्यभार दिया है। रघुबीर ने बताया कि गणित, अंग्रेजी विज्ञान संकाय के पद रिक्त हैं। बच्चे अन्य स्कूलों में चले गए हैं।
योग्य स्टाफ की कमी :
हरियाणाा शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा के परिणाम में सिरसा के एसजीजीएस हाई स्कूल का परिणाम शून्य रहा। स्कूल प्रबंध कमेटी के सदस्य कश्मीर सिंह करीवाला ने कहा कि स्कूल में तो बुनियादी सुविधाएं हैं और ही योग्य स्टाफ। इस वजह से पढ़ाई भी ठीक तरह से नहीं हो सकी। इसलिए परिणाम शून्य रहा है। यह बहुत बुरा हुआ है। भविष्य में स्कूल का नया भवन बनेगाऔर फिर नया योग्य स्टाफ नियुक्त करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि अगली बार बोर्ड के परीक्षा परिणाम बेहतर सके। db
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