** शिक्षकों के वेतन में इजाफा होने से 30 फीसद तक
फीस बढ़ने की संभावना
** संगठन बोले, प्रक्रिया पूरी न होने से नहीं मिल पा
रहा है लाभ
नई दिल्ली : राजधानी के निजी स्कूलों में बढ़ी फीस से परेशान अभिभावकों की
मुश्किल जल्द ही बढ़ने जा रही है। इस बार कारण दिल्ली सरकार की ओर से हुई
चूक बनेगी। स्कूल संगठनों की माने तो केंद्र सरकार सातवां वेतन आयोग लागू
करने जा रही है जिसका सीधा असर दिल्ली के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले
बच्चों की फीस पर पड़ेगा। कारण है कि इस सिफारिश से शिक्षकों के वेतन में
इजाफा होगा और उसे देखते हुए स्कूलों को 30 फीसद तक फीस बढ़ानी पड़ सकती
है।
दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आरसी जैन ने
बताया कि इस समस्या के निदान के लिए दिल्ली सरकार की ओर से दिल्ली स्कूल
एजुकेशन एक्ट एंड रूल, 1973 की धारा 10 (1 )से स्वपोषित मान्यता प्राप्त
स्कूलों को अलग किया गया। इससे स्कूलों पर केंद्र सरकार का वो नियम लागू
नहीं होता है जिसके अन्तर्गत आज उन्हें केंद्र के समान वेतनमान अपने
शिक्षकों को देना पड़ रहा है। आरसी जैन ने बताया कि इस संबंध में राहत का
प्रस्ताव भी विधानसभा में पास हुआ लेकिन अब वो प्रक्रिया में खामी के चलते
केंद्र से मंजूर होने के बजाय वापस लौटा दिया गया है। सूत्र बताते है कि ये
प्रस्ताव उपराज्यपाल की पूर्व सहमति के बिना विधानसभा में लाया गया जिसके
चलते इससे जरूरी कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई जिस कारण केंद्र ने इसे
लौटा दिया।
आरसी जैन कहते है कि दिल्ली सरकार के स्तर पर हुई इस चूक का
नतीजा है कि आज निजी स्कूलों पर भी शिक्षकों को सातवां वेतन आयोग प्रदान
करने की नौबत आ गई है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि इससे पहले की
केंद्र इस दिशा में कदम बढ़ाए और दिल्ली सरकार इस राहत को नियमानुसार मंजूर
कराकर केंद्रो को भेज दे अन्यथा इसका नुकसान अभिभावकों को ङोलना पड़ेगा
जोकि उचित नहीं है। dj
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