** अंग्रेजी माध्यम के लिए लगाए टीचर्स, हर लड़की को 501 से किया सम्मानित
राई : प्राइवेटस्कूलों के बराबर सरकारी स्कूल के बच्चों को शिक्षा देने के लिए टक्कर देने के लिए पंचायत ने सरकारी स्कूल की ही दशा सुधारने का फैसला लिया है। खटकड़ गांव की पंचायत ने मंगलवार को राजकीय मिडिल स्कूल में प्री नर्सरी कक्षा की शुरुआत की। सरकारी स्कूल के टीचर्स पर भरोसा करते हुए बच्चों को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा देने के लिए दाे टीचर्स भी अपने खर्च पर नियुक्त किए है। स्कूल में दाखिला लेने वाली हर लड़की को सरपंच सविता शर्मा ने 501 रुपए देकर सम्मानित करने की भी घोषणा की। मंगलवार को खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र मोर ने विधिवत रूप से प्री नर्सरी कक्षा का शुभारंभ किया।
राई ब्लॉक के गांव खटकड़ की सरपंच सविता शर्मा ने चंदा एकत्रित कर सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर सुविधाएं देने की प्रयास किया। इस प्रयास को ग्रामीणों का पूरा सहयोग मिला है। सरपंच सविता शर्मा का कहना है कि जब स्कूल को प्राइवेट स्कूल के बराबर लाने का विचार आया तो सबसे बड़ी समस्या अंग्रेजी माध्यम प्री नर्सरी कक्षा की आई। प्री नर्सरी में बच्चे का दाखिला दिलाने की वजह से ही अभिभावकों का प्राइवेट स्कूलों की तरफ रुझान दिखा।
खटकड़ की पंचायत से मिलेगी प्रेरणा : सुरेंद्र
खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र मोर ने कहा कि खटकड़ गांव ने जो कदम उठाया है। उससे अन्य गांवों की पंचायत को भी प्रेरणा मिलेगी। कई और पंचायत भी सरकारी स्कूल में सुविधाएं बढ़ाने के लिए आगे रहीं हैं। यदि गांव इस तरह की पहल करेंगे तो इससे प्राइवेट स्कूलों की मनमर्जी पर लगाम लगेगी।
चौथी कक्षा से शुरू होगी कंप्यूटर शिक्षा
सरपंच सविता ने कहा कि गर्मी की छुट्टी के बाद चौथी कक्षा से स्कूल में कंप्यूटर शिक्षा शुरू कर दी जाएगी। स्कूल के हर कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगाएं गए हैं। पीने के लिए रोजाना बीस वॉटर जग अलग से मंगाए जाते हैं। बीस पंखे लगाए गए हैं। 24 नई कुर्सी दी गई।
सरपंच ने एक तो ग्रामीणों ने उठाए कई कदम
सरपंच सविता शर्मा ने कहा कि उन्होंने सिर्फ इसकी पहल की थी। पैसे की कमी थी। ग्रामीणों ने कहा कि हम चंदा एकत्रित करेंगे। गांव के ओमप्रकाश शर्मा ने सर्वाधिक 51 हजार रुपए का दान स्कूल के लिए दिया। सरपंच सविता शर्मा ने 21 हजार रुपए परमजीत सेन ने 21 हजार का सहयोग दिया। गांव के अन्य लोगों ने भी श्रद्धा अनुसार स्कूल के लिए दान दिया। ग्रामीणों का कहना है कि वे सरकारी स्कूल को ही प्राइवेट स्कूल जैसा माहौल दे देंगे। db
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