.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***

Monday, 9 May 2016

कॉलेजों के प्रवेश फार्म पर मेल-फीमेल के साथ अब थर्ड जेंडर भी


** कुवि ने सभी कॉलेजों को जारी किए आदेश 
हिसार : मंगलमुखी को उच्च शिक्षा की धारा से जोड़ने और समाज में उनके प्रति सोच में बदलाव लाने की पहल के तहत सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना करते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने केयूके के माध्यम से कॉलेजों को आदेश जारी किए हैं। केयूके के आदेशानुसार नए शैक्षणिक सत्र के दौरान कालेजों के प्रवेश फार्म में लिंग वाले कॉलम में महिला और पुरुष के अलावा तीसरा कॉलम ट्रांसजेंडर वर्ग के लिए एक अन्य विकल्प के रूप में शामिल करना होगा। इसके अलावा मंगलमुखी को शैक्षणिक अन्य सुविधाएं भी देने के आदेश जारी हुए हैं। 
सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2014 में मंगलमुखी के संबंध में फैसला लिया था। उसी फैसला का हवाला देते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की संयुक्त सचिव पंकज मित्तल ने मंगलमुखी के संबंध में केयूके के माध्यम से कालेजों को आदेश जारी किए हैं। उनके आदेश में यह स्पष्ट है कि ट्रांसजेंडर वर्ग के लिए सभी कॉलेज और उनसे संबंधित शिक्षण संस्थानों में प्रवेश फार्म में लिंग वाले कॉलम में तीसरे लिंग का एक अन्य विकल्प रखना अनिवार्य कर दिया है। 
कॉलेज में ये दी जाएंगी शैक्षणिक सुविधाएं 
यूजीसीके अनुसार ट्रांसजेंडर को अलग से शौचालय, विश्राम कक्ष और इंफ्रास्ट्रक्चर दिए जाएंगे। कॉलेज अपने स्तर पर ट्रांसजेंडर को उच्च शिक्षा के लिए जो बेहतर सुविधा देना चाहते दे सकता है। 
ट्रांसजेंडरके लिए वर्कशॉप : 
ट्रांसजेंडरको जागरूक करने के लिए कॉलेज उनके संबंधित शिक्षण संस्थानों में वर्कशॉप करना अनिवार्य होगा। इनमें शिक्षक विद्यार्थियों को बुलाया जाएगा। उनमें ट्रांसजेंडर के प्रति जागरूकता लाई जाएगी, ताकि उनकी सोच में ट्रांसजेंडर के प्रति सकारात्मक परिवर्तन हो। 
इस परिवर्तन से ट्रांसजेंडर उनके साथ कक्षा में शिक्षा ग्रहण कर पाए। इसके अलावा वर्कशॉप में नॉन टीचिंग स्टाफ को भी जोड़ा जाए। 
योजना तारीफ के लायक-राज हसीना 
मंगलमुखी समाज की प्रमुख एवं पूर्व पार्षद और दूर संचार सलाहकार समिति की सदस्य राज हसीना ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत यूजीसी ने कालेजों को जो आदेश दिए हैं उनकी तारीफ करती हैं। यह शिक्षा के क्षेत्र में एक अच्छा कदम है। 
केयूके से मिले हैं आदेश- मांजू 
गवर्नमेंट कॉलेज प्राचार्य एमएस मांजू ने कहा कि नए शैक्षणिक सत्र से ट्रांसजेंडर को कालेज में शैक्षणिक सुविधाएं देने और प्रवेश फार्म में तीसरा लिंग कॉलम में एक अन्य विकल्प ट्रांसजेंडर शामिल करने संबंधी केयूके से आदेश मिले है। उनके आदेशानुसार कार्य किया जाएगा।                                                            db

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.