करनाल : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ से जुड़े हजारों अध्यापक 4 मई को
पंचकूला मास डेपुटेशन के रुप में जाएंगे। शिक्षा निदेशालय पहुंचकर पहले
अधिकारियों व अध्यापकों के बीच में हुई बैठकों में जिन मांगों पर सहमति बनी
थी उन पर कार्यवाही की जानकारी ली जाएगी। संघ के जिला प्रधान अनिल सैनी ने
कहा कि अध्यापकों की मांगें काफी लंबे समय से लंबित पड़ी हैं।
सरकार व
निदेशालय द्वारा टाल मटोल का रवैया अपनाकर बार-बार अनदेखी की गई है।
उन्होंने बताया कि अध्यापक संघ की मुख्य मांगों में नौकरी से बाहर किए गए
अतिथि अध्यापकों को वापस बहाल किया जाए, नौ हजार से अधिक चयनित जेबीटी
अध्यापकों की नियुक्ति की जाए, सभी वर्गो की पदोन्नतियां सूचियां शीघ्र
जारी की जाएं। अध्यापकों को सेवा सुरक्षा दी जाए व रोके गए सभी लाभ प्रदान
किए जाएं, काउंसिलिंग प्रथा को ईमानदारी से लागू किया जाए। हरियाणा में
करवाई जा रही तीन वर्षीय डीएड को दो वर्षीय डीएड एलिमेंट्री माना जाए।
महावीर पोपड़ा व जयराज बिडलान ने कहा कि सरकारी प्राइमरी विद्यालयों में
प्री-प्राइमरी नर्सरी कक्षा की शुरुआत की जाए व सरकारी और प्राइवेट
विद्यालयों में एक ही उम्र के बच्चों को दाखिल करने की अनुमति दी जाए।
सामान्य स्थानांतरण नीति लागू की जाए व आवेदन पर इच्छुक अध्यापकों के
स्थानांतरण किए जाएं। अध्यापक नेताओं ने कहा कि विभाग के अधिकारियों के साथ
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ कई बार वार्ता कर चुका है, लेकिन मांगों पर
कोई कार्रवाई नहीं की गई। 4 मई के बाद भी टाल-मटोल की नीति अपनाई गई तो
बड़ा आंदोलन किया जाएगा। dj
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