** 11 मई से सरकारी स्कूलों में नौवीं
व बारहवीं की
लगेंगी रेमिडियल कक्षाएं
नई दिल्ली : राजधानी के सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब बच्चों को गणित व
विज्ञान आदि विषयों का गूढ़ ज्ञान ई-लर्निग अध्ययन सामग्री के माध्यम से
देंगे। शिक्षा निदेशालय ने शिक्षकों को इस बात की छूट दी है कि वे जरूरत के
हिसाब से न सिर्फ ई-लर्निग की अध्ययन सामग्री विकसित कर सकते हैं बल्कि
कक्षाओं में इसका इस्तेमाल भी कर सकते हैं। ई-लर्निग अध्ययन सामग्री के
प्रयोग की शुरुआत 11 मई से स्कूलों में नौवीं व बारहवीं की रेमिडियल
(उपचारात्मक) कक्षाओं से हो रही है।
अतिरिक्त शिक्षा निदेशक (स्कूल) डॉ.
सुनीता कौशिक की ओर से जारी आदेश में स्कूल प्रमुखों को इस बात की छूट है
कि वे स्वेच्छा से इन कक्षाओं के आयोजन का निर्णय करें। कक्षाएं तीन सप्ताह
के लिए लगेंगी और इसके लिए सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े दस बजे का समय
निर्धारित है, ताकि मई में गर्मी से बच्चे अधिक प्रभावित न हों। इस अवधि के
दौरान बच्चों के लिए पेयजल और अन्य आवश्यक संसाधनों का इंतजाम करना होगा
ताकि गर्मी से बचाव हो सके। बच्चे इन कक्षाओं में स्कूल की ड्रेस में शामिल
होंगे। बच्चों की भागीदारी के संबंध में स्कूल प्रमुखों को अभिभावकों से
भी उनकी सहमति लेनी होगी। स्कूल प्रमुख विषयों का चुनाव बच्चों की जरूरत के
हिसाब से करेंगे। हर विषय के लिए एक
घंटे का समय निर्धारित है। कक्षाओं के
लिए नियमित शिक्षक नियुक्त होंगे।
किसी कारणवश उनके न होने पर अतिथि शिक्षकों को इस कार्य में जोड़ा
जाएगा। शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उप शिक्षा निदेशकों को निर्देश दिया है
कि
वे अपने यहां इन कक्षाओं का आयोजन करने वाले स्कूलों का ब्यौरा छह मई तक
उपलब्ध कराएं। dj
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