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Monday, 9 May 2016

अब प्राइमरी स्कूलों में बच्चे पहले 1 घंटे में रिकवर करेंगे पिछली क्लास का सिलेबस

** शिक्षा की नींव मजबूत करने की कवायद
** सत्र 2015-16 में प्रदेश के 3222 स्कूलों में हुआ एलईपी प्रयोग, इस सत्र से सभी 8899 स्कूलों में लागू 
** एससीईआरटी की सर्वे रिपोर्ट को बनाया आधार, शिक्षक के पास टेक्स्ट बुक के साथ होगी एलईपी की किताबें
रेवाड़ी : प्रदेशभर के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बच्चे पहले 1 घंटे पिछली क्लास का छूटा हुआ सिलेबस रिकवर करेंगे, उसके बाद आगे की पढ़ाई कराई जाएगी। 3222 स्कूलों में किए गए प्रयोग के सकारात्मक परिणाम देख विभाग इसे हर विद्यार्थी के लिए लागू करने जा रहा है। लर्निंग इनहेंसमेट प्रोग्राम (एलईपी) के तहत सरकारी शिक्षा के गिरते स्तर को उठाने के लिए यह कदम उठाया गया है। शिक्षा सत्र 2015-16 में शिक्षा विभाग द्वारा एलईपी कार्यक्रम शुरू किया गया। 
प्रथम चरण में प्रयोग के तौर पर राज्य की 3222 राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं में यह शुरू हुआ। इनके 14500 शिक्षकों को जिलास्तर पर ट्रेनिंग दी गई। प्रशिक्षण के दौरान बताया कि गया कि कैसे विद्यार्थियों की समझ का लेवल परखें। विशेषतौर से यह देखें कि यदि बच्चा 5वीं में पढ़ता है तो उसे तीसरी या चौथी कक्षा में सीखा हुआ भी आता है या नहीं। इसके बाद पहले घंटे में उन्हें पिछली कक्षा के सिलेबस की ही महत्वपूर्ण चीजें कराई गईं। एलईपी के तहत शिक्षकों को 15 विशेष किताबें दी गईं, जिनमें मैथ, हिंदी और अंग्रेजी की 5-5 किताबें शामिल रहीं। इन किताबों में पिछली कक्षाओं के सिलेबस के महत्वपूर्ण पक्ष भी शामिल किए गए। विभाग की ओर राज्यभर के सभी 8899 सरकारी प्राइमरी स्कूलों में एलईपी प्रोग्राम शुरू कर दिया गया है। 
एलईपी की स्कूलों में मॉनिटरिंग के लिए 450 मेंटर्स नियुक्त किए गए थे। शिक्षकों और बच्चों से फीडबैक लिया गया। इस फीडबैक के आधार पर पूरी रिपोर्ट तैयार की गई।                                                                      db

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