** विजिटिंग टीम को मोटी रकम
थमा कर ले लेते हैं मान्यता
पानीपत : ट्रस्ट के स्कूलों में अनियमितताओं का अंबार है।
विद्यालय शिक्षा निदेशालय की देखरेख में चल रहे कई स्कूलों में प्रयोगशाला
(लैब) से अनभिज्ञ बच्चों को 30 में से 30 अंक (सौ फीसद) दे दिए गए। पूर्व
कोर्ट मेंबर ने वित्तायुक्त को पत्र लिखकर शिक्षा में हो रहे घोटाले को
लेकर कड़े कदम उठाने का अनुरोध किया है।
हरियाणा शिक्षा बोर्ड की देखरेख
में प्रदेश के 21 जिलों में प्रबंधन कमेटी व ट्रस्ट की देखरेख में लगभग 100
से अधिक स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। स्कूलों के संचालन में बोर्ड का
नियम प्रभावी होता है। खासकर जिन स्कूलों में विज्ञान विषय की कक्षाएं शुरू
की जाती हैं, वहां निदेशालय के अधिकारी निरीक्षण कर लैब सहित उपलब्ध अन्य
सुविधाओं का जायजा लेते हैं। सब कुछ ठीक ठाक होने पर ही प्रबंधन कमेटी को
वरिष्ठ माध्यमिक कक्षाओं के संचालन की अनुमति देते हैं।
वहीं, दूसरी ओर इस
संबंध में एक शिकायतकर्ता ने स्कूलों का दौरा कर निदेशालय को अवगत कराया
कि प्रदेश में कमेटी व ट्रस्ट के कुछ ऐसे स्कूल चलाए जा रहे हैं, जहां
प्रयोगशाला नहीं होने के बावजूद विद्यार्थियों को भौतिकी, रसायन व गणित में
100 फीसद अंक दे दिए गए।
कागजों में खोल रखा स्कूल
निदेशालय को दी
शिकायत में कहा गया है कि प्रबंधन कमेटियों ने कागजों में स्कूल खोल रखा
है। जो स्कूल वजूद में है, वहां प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है। दूसरी संस्थाओं
से लेन-देन कर चलाया जा रहा है। कई स्कूलों में एक ही कॉमन प्रिंसिपल है।
प्रिंसिपल का नाम स्कूल की वेबसाइट पर लिखे नाम से मेल नहीं खा
रहा।1वित्तायुक्त को भेजे पत्र में ये खुलासा : हरियाणा सिविल सचिवालय
(परिचालन संख्या 92525) से पूर्व कोर्ट सदस्य एसपी गुप्ता (एडीयू रोहतक) ने
शिक्षा विभाग के वित्तायुक्त को भेजे पत्र में इन बातों का खुलासा किया।
पत्र में कहा गया है कि उन्होंने कई स्कूलों का दौरा किया। ये खामियां पकड़
में आई।
* विद्यार्थी का प्रोफाइल रिपोर्ट कार्ड से मैच नहीं हो
रहा
* वर्नियर कैलीपर्स व स्क्रू गेज से अनजान
* विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल
में 30-30 अंक दे दिए गए
* कमेटी व ट्रस्ट के ज्यादातर स्कूल 11 वीं व 12
वीं में उन विद्यार्थियों का नामांकन करते हैं जो कक्षा में नियमित
उपस्थिति दर्ज कराना नहीं चाहते हैं
कोर्ट सदस्य ने वित्तायुक्त को
लिखा है कि जुलाई 2008 से लेकर दिसंबर 2013 तक स्कूलों का डाटा संग्रह करने
पर कुछ चौंकाने वाले तथ्य उजागर हो सकते हैं।1निदेशालय से पत्र जारी
1निदेशालय ने ऐसे स्कूलों की पहचान के लिए सभी डीईओ व डीईईओ को पत्र
(8/165-2015 पीएस (2)) लिखा है। पत्र में कहा गया है कि शिक्षण कार्य में
ऐसी अनियमितताओं पर सख्ती से रोक लगाई जाए। कोई ऐसा स्कूल संज्ञान में आने
पर अति शीघ्र निदेशालय को सूचित करें। dj
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