नई दिल्ली : राजधानी के स्कूलों में बतौर अतिथि शिक्षक (गेस्ट टीचर) पढ़ा
चुके युवाओं को स्थायी शिक्षक के तौर पर नियुक्त करने का रास्ता सरकार ने
निकाल लिया है, लेकिन सरकारी स्कूलों में स्थायी शिक्षक नियुक्त होने के
लिए उन्हें ऑनलाइन टेस्ट देना होगा।
इसके लिए अतिथि शिक्षकों के अलावा
अन्य योग्य युवा आवेदन कर सकते हैं। अतिथि शिक्षकों को उम्र में कुछ रियायत
दी जाएगी तथा अधिकतम तीन वर्ष के अनुभव पर परीक्षा परिणाम में 2.25 फीसद
अधिक नंबर दिए जाएंगे। एक वर्ष के अनुभव वाले अतिथि शिक्षकों को 0.75 फीसद
अंक सामान्य की तुलना में अधिक दिए जाएंगे। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी
के अनुसार सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक रहे करीब 17 हजार लोग स्थायी
नौकरी की मांग कर रहे हैं। विभाग ने एक प्रस्ताव बनाकर दिल्ली सरकार को
दिया था, जिसे गत वर्ष छह अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी भी मिल गई
थी।
कैबिनेट नोट को अंतिम मंजूरी के लिए उपराज्यपाल नजीब जंग के पास
भेजा गया तो उन्होंने कुछ मुद्दों पर सवाल उठाए। इसके बाद उसमें संशोधन कर
दोबारा उपराज्यपाल के पास भेज दिया गया है। इसमें सामान्य आवेदन करने वालों
की तुलना में अतिथि शिक्षकों को उम्र में रियायत तथा उनके अनुभव के आधार
पर अतिरिक्त अंक देने का फैसला लिया गया है।1 एक अधिकारी के अनुसार
उपराज्यपाल से मंजूरी मिलते ही शिक्षकों की बहाली
की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। ऑनलाइन टेस्ट होने से भर्ती प्रक्रिया जल्द
पूरी कर
ली जाएगी।
आप
ने किया था वादा
आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले अतिथि शिक्षकों
को स्थायी करने
का वादा किया था, लेकिन इसके बाद भी अतिथि शिक्षक अपने भविष्य को लेकर
परेशान हैं। आए दिन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया व मुख्यमंत्री अरविंद
केजरीवाल के निवास के बाहर धरना प्रदर्शन करते हैं। दिल्ली के सरकारी
स्कूलों में पर्याप्त
शिक्षक नहीं होने से समय-समय पर सरकार अतिथि शिक्षकों को अलग-अलग विषय
पढ़ाने के लिए अनुबंध के आधार पर रखती है। dj
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