गुड़गांव : काफी समय से अध्यापकों की कमी झेल रहे मेवात की लोगों की समस्या को डीएलएसए ने उठाने का फैसला लिया है। इस समस्या को जिला विविध सेवाएं प्राधिकरण (डालसा) राज्य विधि प्राधिकरण (हालसा) की मार्फत हाईकोर्ट में याचिका दायर करने जा रहा है। इसकी तैयारी कर ली गई है। स्कूलों की जांच के लिये तीन सदस्यीय कमेठी का गठन भी कर दिया गया है, जिसकी रिपोर्ट 25 मई तक डालसा को मिल जायेगी।
चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट एवं जिला विविध सेवाएं प्राधिकरण (डालसा) के सचिव नरेंद्र सिंह ने बताया कि मेवात जिला में कार्यरत पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूलों में पर्याप्त अध्यापक नहीं हैं। राइट टू एजूकेशन के तहत सरकार को स्कूलों में अध्यापक मुहैया कराने चाहिए लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया है। उन्होंने बताया कि उसने सरसरी तौर पर मेवात के स्कूलों का सर्वे कराया है, जिसमें पाया है कि हरियाणा के शिक्षा विभाग ने करीब छह-सात प्राइमरी से मिडिल स्कूल अपग्रेड किए थे। जिनमें से 91 स्कूल ऐसे जिनमें आज तक कोई अध्यापक नियुक्त नहीं किया गया है, जो बिना अध्यापकों के चल रहे हैं जबकि छह स्कूलों में पहले ही अध्यापक नहीं है। कुल 97 स्कूलों में कोई अध्यापक नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि 61 स्कूल दो अध्यापकों के सहारे चल रहे हैं जबकि उनमें बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा है। इसके अलावा 13 स्कूल एक अध्यापक के सहारे चल रहे हैं।
3 सदस्यीय कमेठी गठित
स्कूलों के सर्वे के लिए तीन सदस्यीय कमेठी गठित की गयी है, जो 25 मई तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। उसके बाद ही सही आंकलन किया जा सकेगा की मेवात के कितने स्कूलों में अध्यापक नहीं हैं। उन्होंने बताया कि मेवात के इस मुद्दे को जिला विविध सेवाएं प्राधिकरण (डालसा) ने उठाने का निर्णय लिया है। राज्य विविध सेवाएं प्राधिकरण(हालसा) की मार्फत जल्द ही याचिका दायर करने के लिये वह हालसा से अनुरोध करेगा। dt
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