जींद : शिक्षा विभाग की ओर से हाल ही में जारी की गई टीजीटी से पीजीटी पद पर
पदोन्नति सूची विवादों में घिर गई है। पदोन्नति सूची में काफी खामियां
सामने आई हैं। प्रदेश के टीजीटी शिक्षकों को पीजीटी के पद प्रमोशन तो मिल
गई, लेकिन कई शिक्षक ऐसे सामने आए हैं, जिन्हें एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन
विषयों में प्रमोशन दी गई है। शिक्षकों को कई-कई विषयों में प्रमोशन मिलने
के कारण कई टीजीटी शिक्षक पदोन्नति से वंचित रह गए हैं। ऐसे में उन टीजीटी
शिक्षकों में विभाग के प्रति रोष है।
कुछ माह पहले शिक्षा निदेशालय ने
टीजीटी शिक्षकों से पीजीटी पद पर पदोन्नति के लिए केस मांगे थे। केस मांगने
के बाद शिक्षकों ने अपनी-अपनी योग्यताओं के अनुसार फाइल बनाकर निदेशालय को
पहुंचाने का काम किया था। गत 26 अप्रैल को विभाग ने टीजीटी से पीजीटी पदों
पर पदोन्नति सूची जारी की है। इसमें सीनियर नंबर एक से तक पदोन्नति की गई
है। इसमें 42 शिक्षक ऐसे हैं, जिन्हें दो-दो विषयों में पदोन्नति दी गई है
जबकि तीन शिक्षक ऐसे भी हैं, जिन्हें तीन-तीन विषयों में पदोन्नति दी गई
है। दो विषयों में पदोन्नति पाने वाले अधिकतर शिक्षकों को इतिहास, राजनीतिक
शास्त्र, सोशोलाजी, भूगोल, मनोविज्ञान, इकनामिक्स विषयों में पदोन्नत किया
गया है। इसी प्रकार से तीन विषयों में पदोन्नति पाने वाले शिक्षकों को
इतिहास, राजनीतिक शास्त्र, समाजशास्त्र, भूगोल, इतिहास, राजनीतिक शास्त्र
में पदोन्नति दी गई है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि इन शिक्षकों ने दो से
तीन विषयों में मास्टर डिग्री की हुई है और शिक्षकों ने सभी डिग्रियों के
आधार पर अपने केस भेज दिए, जिस कारण विभाग ने भी लापरवाही दिखाते हुए किसी
एक विषय की बजाय दो या तीन विषयों में शिक्षकों को पदोन्नत कर दिया।
खामी को दूर करे विभाग
हरियाणा स्कूल लेक्चरार एसोसिएशन के
जिलाध्यक्ष राजबीर रेढू ने कहा कि आमतौर पर एक ही विषय में शिक्षक को
पदोन्नति मिलती है, लेकिन यहां दो से तीन विषयों में पदोन्नति दी गई है,
जोकि सरासर लापरवाही है। इस खामी को विभाग को दूर करना चाहिए।
ऑप्शन पहले
लेना चाहिए
हरियाणा मास्टर वर्ग एसो. के प्रदेशाध्यक्ष रमेश मलिक ने कहा
कि विभाग शिक्षकों से पहले ही आप्शन भरवा लेता है कि उसे किस विषय में
विशेषज्ञता लेनी है,अबकी बार ऐसा नहीं हुआ। इस कारण कई शिक्षकों को दो या
तीन विषयों में पदोन्नति दे दी गई है। इसे ठीक करना चाहिए।
"यह मामला उनके
संज्ञान में नहीं है और यह निदेशालय का मामला है। निदेशालय ही इस मामले में
कुछ कर सकता है।"-- वंदना गुप्ता, जिला शिक्षा अधिकारी, जींद। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.