सिरसा : सिरसा के चौधरी देवीलाल मेमोरियल इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक-प्रिंसिपल ने गलत अंक बताकर गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर ली। जांच के आधार पर तकनीकी शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी के वीसी को पत्र लिखकर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
कॉलेज निदेशक देवेंद्र सिंह मोर ने हिसार की जीजेयू से वर्ष 2001 में पीएचडी की। सिरसा के पन्नीवाला मोटा स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज में निदेशक-प्रिंसिपल के पद पर वर्ष 2008 में नियुक्ति मिली अब तक कार्यरत हैं। यह खुलासा हिसार निवासी रोशन लाल की ओर से लगाई आरटीआई में हुए। डा. राजेंद्र कुमार, डा. सुलतान सिंह, रणधीर सिंह पर आधारित जांच कमेटी ने बताया कि डा. डीएस मोर ने जीजेयू से वर्ष 2001 में पीएचडी की, जिसके लिए स्नातकोत्तर में 55 प्रतिशत अंक आवश्यक थे, जबकि उनके एमएससी फिजिक्स में केवल 54.5 प्रतिशत यानी 1000 में से 545 अंक थे। उन्होंने 55 प्रतिशत अंक बता दिए, जबकि निदेशक-प्रिंसिपल के आवेदन में 54.5 प्रतिशत अंक ही दर्शाए। जांच कमेटी को यह समझ नहीं आया कि वे कम अंक होने के बावजूद पीएचडी के लिए कैसे योग्य हो गए।
पत्र आया है, हम सुनवाई का मौका देंगे : वीसी
"तकनीकी शिक्षा विभाग के महानिदेशक के पत्र में डीएस मोर की पीएचडी डिग्री को लेकर हुई जांच का हवाला देते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मैंने जांच एकेडमिक काउंसिल को सौंपी है। एकेडमिक काउंसिल जांच के बाद कार्रवाई करेगी। आरोप सच पाए तो पीएचडी की डिग्री रद्द कर पुलिस में फ्रॉड करने का केस दर्ज कराएंगे। डीएस मोर को सुनवाई का एक मौका दिया जाएगा, ताकि वह भी अपना पक्ष रख सकें।"-- प्रो. टंकेश्वर कुमार, वीसी, जीजेयू, हिसार। db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.