सोनीपत : पिछले 50 वर्षों में शिक्षा का व्यापारीकरण हुआ है, सरकारी स्कूलों में सिर्फ गरीब वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं। स्थिति यह है कि शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले एक लाख शिक्षक व अन्य कर्मचारियों में से मात्र 10 प्रतिशत के बच्चे ही सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। अभिभावकों में धारणा बनी हुई है कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे ही सफल होते हैं।
शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने मंगलवार को यह बात कही। वे यहां जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में प्रदेश की उच्चतर शिक्षा योजना-2016 लांच करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 60 से 70 हजार रुपये वेतन लेने वाले सरकारी शिक्षक में अपने बच्चे को पढ़ाने का खुद पर भरोसा नहीं है, तो दूसरे लोग उन पर कैसे विश्वास करेंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के कुछ सरकारी स्कूल ऐसे भी हैं जो बेहतर कर रहे हैं, उन्होंने पंचकूला स्थित सार्थक राजकीय स्कूल का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां दाखिले के लिए आज भी लंबी लाइन है।
शर्मा ने कहा कि प्रदेश में उच्चतर शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार बनते ही प्रदेश में उच्चतर शिक्षा की उपलब्धता को लेकर व्यापक अंतर पहचानने तथा इन कमियों को दूर करने के उपायों पर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। इस कार्य के लिए हमने जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार की है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उच्चतर शिक्षा योजना-2016 का उद्देश्य प्रदेश में उच्च शिक्षा में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाना, सभी को शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध करवाना है।
आपस में कनेक्ट होंगे सरकारी स्कूल
हरियाणा सरकार राज्य के सभी राजकीय स्कूलों को ऑनलाइन प्रणाली के साथ लिंक करने की योजना बना रही है ताकि मुख्यालय से ऑनलाइन एप्लीकेशन प्रणाली के माध्यम से स्कूली छात्रों की उपस्थिति का प्रबंधन किया जा सके। सीएम की अध्यक्षता में हुई सर्वशिक्षा अभियान परिषद की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया। dt
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