फतेहाबाद : सरकार जिस मार्शल आर्ट को कन्याओं की आत्मरक्षा के लिए
जरूरी मानती है, शिक्षा विभाग के इसी को खेल कैलेंडर से बाहर कर दिया गया
है। अकेले मार्शल आर्ट ही नहीं, विभागीय कैलेंडर से पांच प्रमुख खेल हटा
दिये गए हैं। इस आशय के पत्र भी सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व सहायक शिक्षा
(खेल) अधिकारियों को जारी हो गए हैं।1नए फैसले के तहत अब प्रदेशभर में
कहीं भी मार्शल आर्ट की प्रतियोगिताएं नहीं होंगी। इससे पहले शिक्षा विभाग
ने स्कूल के खेल कैलेंडर में 47 खेल शामिल किये थे। अब 42 खेल रह गये हैं।
जिन खेलों को बाहर किया गया है उनमें मार्शल आर्ट, चॉक बॉल, सोफ्ट टेनिस,
टांग मार्शल आर्ट, ताईक्वांडो शामिल हैं।
इसलिए लिया फैसला
विभाग प्रदेश
स्तर पर इन खेलों की प्रतियोगिता कराता तो करीब छह से सात लाख रुपये खर्च
हो जाते थे। क्योंकि विभाग को प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रति
विद्यार्थी के हिसाब से 200 रुपये देने पड़ते थे। इस प्रतियोगिता में करीब
63 टीमें भाग लेती थीं।
इसमें सबसे ज्यादा टीमें दक्षिण भारत के
विद्यार्थियों की होती थी। अपने इलाकों के बच्चे इन खेलों कम रुचि रखते थे।
इस कारण शिक्षा विभाग का प्रतियोगिता पर फिजूल खर्च हो जाता था।
"शिक्षा
विभाग के आदेशानुसार खेल कलेंडर में से पांच खेलों को बाहर कर दिया है।
जिसमें मार्शल आर्ट, चॉक बॉल, सोफ्ट टेनिस, टांग मार्शल आर्ट, टाई कमांडो
शामिल है। इसमें अपने इलाके के विद्यार्थी इन खेलों में कम रुचि रखते थे।
इन खेलों को बंद करने के लिए अधिकारियों की मीटिंग में आदेश दिये गये थे।
अब इन खेलों पर प्रदेश स्तर पर कोई प्रतियोगिता नहीं होगी।"-- मांगेराम,
एईओ। dj
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