हाई कोर्ट ने 30 मार्च को उन्हें अवमानना का दोषी ठहराते हुए
सजा पर निर्णय करने के लिए उन्हें तलब किया था। सोमवार को दोनों अधिकारियों
ने कोर्ट को बताया कि एकल बेंच के आदेश के खिलाफ उनकी अपील डिविजन बेंच
में अभी विचाराधीन है ऐसे में उनको सजा न सुनाई जाए।
गौरतलब है कि कॉलेज
कैडर के गैस्ट लेक्चरर की जगह असिस्टेंट लेक्चरर की रेगुलर भर्ती की मांग
को ले कर सिरसा निवासी राकेश कुमार द्वारा वर्ष 2011 में याचिका दायर की गई
थी जिस पर हाई कोर्ट की जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने 10 फरवरी 2014 को
फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट आदेश दिया था कि कॉलेज कैडर के असिस्टेंट
प्रोफेसर्स के पदों पर कार्यरत गैस्ट लेक्चर्स की जगह रेगुलर असिस्टेंट
प्रोफेसर्स की भर्ती की जाए।
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी सख्त
निर्देश दिया था कि 15 नवंबर 2014 तक एचपीएससी भर्ती प्रक्रिया पूरी करके
इन पदों के लिए चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर्स की रिकमेंडेशन लिस्ट हायर
एजुकेशन विभाग हरियाणा को भेज दे और हायर एजुकेशन विभाग 31 दिसम्बर 2014 तक
नियुक्ति देने का काम पूरा करे, लेकिन हाई कोर्ट के आदेशों की अब तक भी
पालना नहीं हो पाई। dj
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