चंडीगढ़ : आदेशों की अवमानना के दो अलग अलग मामलों में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा पंजाब के अधिकारियों को अनूठी सजा सुनाई है। हरियाणा में मौलिक शिक्षा निदेशक आरएस खरब को पांच हजार पौधे लगाने और लुधियाना में बिजली विभाग के एक्सईएन को 200 पौधे लगाने की सजा सुनाई गई है। इन आदेशों की पालना करते हुए कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है। जस्टिस राजेश बिंदल ने फैसले में कहा कि इस तरह की सजा देने का मकसद अधिकारी को दंडित करने के साथ साथ ही देश की भलाई के लिए कुछ योगदान करना भी है।
ड्रांइग टीचर को नहीं बनाया था हेड
पहला मामला हरियाणा में जींद के एक ड्राइंग टीचर को हेड मास्टर बनाने से जुड़ा है। हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर कहा था कि ड्राइंग टीचर ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) की श्रेणी में रहे हैं और ऐसे में उन्हें हेड मास्टर बनाया जाए। इन आदेशों की पालना होने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई थी। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने डायरेक्टर एलिमेंट्री एजुकेश को आखिरी मौका देते हुए कहा था कि यदि आदेशों की पालना नहीं हुई तो डायरेक्टर खुद कोर्ट में हाजिर रहकर जवाब दें। जस्टिस बिंदल ने आदेशों की पालना में हुई देरी पर डायरेक्टर को फटकार लगाते हुए कहा कि वे हरियाणा के स्कूलों में पांच हजार पौधे लगाएं।
इंक्रीमेंट का नहीं दिया था लाभ
दूसरा मामला लुधियाना के बिजली विभाग के कर्मचारियों को 23 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद इंक्रीमेंट का लाभ देने से जुड़ा है। विभाग ने परीक्षा पास करने वालों को इंक्रीमेंट देने से इनकार कर दिया था। इन लोगों ने हाईकोर्ट में दस्तक दी तो हाईकोर्ट ने कर्मचारियों के हक में फैसला सुनाते हुए इंक्रीमेंट लाभ जारी करने के आदेश दिए थे। आदेशों की पालना होने पर अवमानना याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में दोषी अधिकारी को पौधे लगाने होंगे। एक्सीएन ने कहा कि वे पौधे लगाने को तैयार हैं और स्कूलों में 200 पौधे लगाएंगे। याचिका दायर करने वाले वकील पवन कुमार ने इसे अच्छा काम बताते हुए कहा कि वे भी देश के लिए किए जाने वाले इस काम में शामिल होंगे और स्वेच्छा से 50 पौधे लगाएंगे। db
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