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निदेशालय तय नहीं कर सकता कार्यक्रम, 15 से करेंगे छुट्टियां
** 220 दिन
अध्ययन की अनिवार्यता का रखा गया है तर्क
नई दिल्ली: राजधानी में चढ़े पारे को देखते हुए शिक्षा निदेशालय ने निजी
स्कूलों को भी सरकारी स्कूलों के शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार आगामी 11 मई
से ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित करने को कहा है। शिक्षा निदेशालय के इस
अनिवार्य आदेश को निजी स्कूलों ने मनाने से इन्कार कर दिया है।
इस संबंध
में दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आरसी जैन का
कहना है कि आरटीई एक्ट 2009 के अन्तर्गत 220 दिन अध्ययन कार्य चलाए जाने का
प्रावधान है। इस नियम को देखते हुए ही बीते दिनों शिक्षा निदेशालय ने एक
आदेश जारी कर स्कूलों को कहा था कि जो स्कूल इस आदेश का पालन नहीं करेंगे
उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आरसी जैन कहते है कि इस चेतावनी के बाद
अब सरकार का जबरन ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित करने का फरमान समझ से परे है।
स्कूलों के संगठन एक्शन कमेटी अनएडेड रिकोग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल के
अध्यक्ष एसके भट्टाचार्य का कहना है कि उन्हें शिक्षा निदेशालय व दिल्ली
सरकार का ऐसा कोई आदेश स्वीकार्य नहीं है। निदेशालय जल्द स्कूल बंद करने की
बात कर अपने 28 अप्रैल, 2003 के उस आदेश का उल्लंघन कर रहा है जिसके
अंतर्गत पब्लिक स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से सलाह कर पूरे शैक्षणिक सत्र का
कैलैंडर तैयार कर लागू कर सकता है। एस.के भट्टाचार्य ने बताया कि स्कूलों
ने पहले ही इस सत्र का कैलेंडर निर्धारित कर लागू कर दिया है ऐसे में
शिक्षा निदेशालय का निर्देश स्कूलों को मिली स्वायत्ता का हनन ही है जिसे
स्वीकार नहीं किया जाएगा। बता दें कि राजधानी के निजी स्कूल अलग-अलग
तिथियों पर ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा कर रहे हैं। ये तिथि 12 से 20 मई
के बीच है। ज्यादातर स्कूल 15 मई को ग्रीष्मकालीन अवकाश करने जा रहे हैं। dj
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