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Friday, 29 July 2016

शिक्षक अवॉर्ड की शर्तें ऐसी; 10 हजार पात्रता से ही बाहर पांच जिलों से एक भी आवेदन नहीं, चार में सभी के खारिज


** 25 थी आखिरी तारीख, कई जिलों में 31 तक दी छूट 
पानीपत : पारदर्शिताके नाम पर शिक्षा विभाग ने राज्य शिक्षक अवार्ड के लिए इस बार कई शर्तें लगाई, लेकिन कई खामियां छोड़ दी। करीब 10 हजार ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) तो एक झटके में ही आवेदन की पात्रता से बाहर हो गए। क्योंकि आवेदन करने के लिए एक शर्ते बोर्ड क्लास के रिजल्ट की भी है। जबकि प्रदेश में 8वीं तक बोर्ड है ही नहीं। यहां तक कि 8वीं तक छात्र को फेल करने का भी प्रावधान नहीं। 
हालात ये हैं कि 25 जुलाई तक आवेदन करने की तारीख थी। यमुनानगर, झज्जर, फतेहाबाद समेत पांच जिलों से एक भी आवेदन नहीं आया। जबकि चार जिलों में जो आवेदन आए उनमें से जिला स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी ने सभी खारिज कर दिए। अब हालात यह है कि कुछ जिलों में शिक्षा अधिकारियों ने मौखिक रूप से 31 जुलाई तक आवेदन करने को कह चुके हैं। जिला स्तर के बाद प्रदेश स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी में छंटाई होगी। 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर अवार्ड दिया जाता है। 
30 नंबर कटते दिखे तो आवेदन ही नहीं 
गाइडलाइन के मुताबिक टीजीटी के लिए 100 अंकों में 20 अंक तो इनके लिए बोर्ड रिजल्ट के तय किए हैं। जबकि 10 अंक नौवीं कक्षा के निर्धारित किए हैं। ऐसे में इन्होंने 70 अंक पर पुरस्कार की उम्मीद छोड़ आवेदन नहीं किया। 28 हजार टीजीटी हैं, इनमें कक्षा छठी से आठवीं तक पढ़ाने वालों की संख्या करीब दस हजार है। बोर्ड रिजल्ट में टॉप टेन के अलग से अंक निर्धारित करने से भी हजारों शिक्षकों ने आवेदन नहीं किया। टॉप टेन पोजिशन के अंक दस शिक्षक ही ले सकते हैं। 
इन शर्तों ने किया दौड़ से बाहर 
पीजीटी : 
बोर्डके रिजल्ट में टॉप टेन में कोई स्टूडेंट आया है, तो उसके 10 अंक मिलेंगे। ऐसे में खासकर मैथ, साइंस के शिक्षक पिछड़ जाएंगे। नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के रिजल्ट के आधार पर पिछले पांच साल के दस अंक तय किए हैं। नौवीं दसवीं को लेक्चरर्स पिछले दो साल से पढ़ाने लगे हैं। पांच साल के अंक कैसे जुड़ पाएंगे। एमएड के तीन अंक तय किए हैं जबकि इससे हायर एजुकेशन पीएचडी और एमफिल के एक-एक अंक ही जोड़ा जाएगा। 
टीजीटी :
छठीसे दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने के योग्य होते हैं। अवार्ड के लिए लेक्चरर्स की तरह दसवीं कक्षा के रिजल्ट के 20 अंक इनके भी तय किए हैं। लेकिन मिडिल स्कूलों में आठवीं तक ही कक्षा होने पर यहां पढ़ा रहे शिक्षकों को दसवीं के रिजल्ट के 20 और नौवीं कक्षा के 10 अंक सीधे कम हो गए। इन शिक्षकों के लिए भी एमएड, पीएचडी और एमफिल के पांच अंक निर्धारित किए गए हैं। 
डीपीई-पीटीआई:
डीपीईया पीटीआई ने इंटरनेशनल स्तर के किसी ट्रेनिंग या वर्कशॉप कार्यक्रम में शिरकत करने के सिर्फ 3 अंक तय किए हैं। जबकि नेशनल लेवल के लिए छह अंक दिए जाएंगे। साथ ही इनके लिए भी मिड-डे मील मैनेजमेंट के पांच अंक तय किए हैं। जबकि स्कूल में मिड-डे मील इंचार्ज के लिए अलग शिक्षक लगाया जाता है। 
प्राइमरी टीचर: 
मिड-डेमील के पांच अंक निर्धारित किए हैं, लेकिन मिड-डे मील का एक ही शिक्षक इंचार्ज होता है। इनके लिए भी हायर एजुकेशन के कम अंक तय किए हैं। ग्रेजुएशन फ़र्स्ट डिविजन के तीन और बीएड के दो अंकों का प्रावधान है। 
शिक्षक संगठन बोले : शर्तें तय करने से पहले राय ली जाती 
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के महासचिव सीएन भारती, राज्य ऑडिटर सुरेंद्र सैनी, हरियाणा लेक्चरर्स एसोसिएशन के राज्य प्रधान दयानंद दलाल, हरियाणा राज्य अध्यापक संघ के राज्य प्रधान प्रदीप सरीन राज्य प्रवक्ता रविंदर राणा ने कहा है सरकार की गाइड लाइन से ज्यादातर शिक्षक दौड़ से ही बाहर हो गए हैं। वर्तमान अंक आधारित पुरस्कार आवेदन नियमावली में बहत खामियां हैं। इस पैमाने में सभी वर्ग के अध्यापक, मुख्याध्यापक, प्राध्यापक प्रधानाचार्य फिट नहीं बैठते हैं 
इस बार यह रखा पैमाना 
  • पिछले दस सालों से वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में प्लस-ए होना चाहिए। 
  • प्रिंसिपल और हेड टीचर के लिए 5 साल अनुभव। 
  • नॉन बोर्ड क्लास का रिजल्ट लगातार पांच साल से 80 फीसदी से ज्यादा होना चाहिए। 
सब देख गाइड लाइन बनी : दास 
दूसरी तरफ शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पीके दास का तर्क है कि सबकुछ देखकर ही गाइड लाइन बनी है। मिडिल स्कूल के टीजीटी के लिए उनकी कक्षा के रिजल्ट के ही अंक जुड़ेंगे।                                          db

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