फतेहाबाद : प्रधानमंत्री जी, हमारे स्कूल में अध्यापक ही नहीं हैं।
बिना अध्यापक के पढ़ाई बाधित हो रही है। इस बार तो आशंका है कि कहीं फेल हो
गए तो पढ़ाई ही छूट जाएगी। प्रधानमंत्री जी, हम बेटियां पढ़ाई बीच में
नहीं छोड़ना चाहतीं। आगे पढ़कर जिंदगी बदलना चाहती हैं। यह गुहार गांव
बड़ोपल के राजकीय कन्या उच्च विद्यालय की छात्रओं ने प्रधानमंत्री को भेजे
पत्र में लगाई है।
विभिन्न कक्षाओं की 50 छात्रओं द्वारा प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी को भेजे गए पत्र में बताया है कि उनके स्कूल में सिर्फ
शारीरिक शिक्षा व हंिदूी की अध्यापिका हैं। नई स्थानांतरण नीति के चलते
मौजूदा अध्यापिकाओं का भी तबादला किया जा रहा है। पिछले तीन साल से उनके
स्कूल में गणित, अंग्रेजी, सामाजिक व संस्कृत का अध्यापक नहीं हैं। दो
महीने पहले विज्ञान की अध्यापिका का भी तबादला हो गया है। स्टाफ न होने के
कारण पढ़ाई न के बराबर हो रही है। इस कारण उनके स्कूल का रिजल्ट भी खराब
रहता है। यदि वे दसवीं कक्षा में फेल हो गईं तो उनके माता-पिता व अभिभावक
उनकी पढ़ाई छुड़वा देंगे। अध्यापक न होने के कारण उनके स्कूल के 230
छात्रओं का भविष्य खराब हो रहा है। यदि जरूरी स्टाफ की नियुक्ति कर दी जाती
है तो वे भी पढ़कर अपने जिंदगी सवार सकती है।
सफाई तो खुद कर लेती,
लेकिन पढ़ाई के लिए अध्यापक चाहिए :
प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में
छात्रओं ने बताया कि उनके स्कूल में अध्यापक के साथ सफाई कर्मचारी भी नहीं
है। हालांकि स्कूल व अपनी कक्षाओं की सफाई तो सभी छात्रएं मिलकर कर लेतीं
हैं, लेकिन पढ़ाई के लिए अध्यापक होना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने
प्रधामनंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे का जिक्र
भी अपने पत्र में किया है। उन्होंने कहा कि बिना अध्यापक बेटी कैसे पढ़ेगी।
"शिक्षा विभाग में अध्यापकों की कमी है। 40 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं।
अध्यापकों की कमी के बारे में मुख्यालय को सूचना दी गई है। उम्मीद है कि
जल्द ही शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।"-- यज्ञदत्त वर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी। dj
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