भिवानी : हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा पीजीटी की पात्रता परीक्षा के परिणाम ने प्रदेश के हजारों विद्यार्थियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। शिक्षा बोर्ड ने एक माह पूर्व ली गई पीजीटी पात्रता परीक्षा के चार दिन बाद अपनी वेबसाइट पर डाली गई आंसर की से एचटेट उतीर्ण होने की श्रेणी में खड़े कई हजार विद्यार्थी परिणाम के बाद डाली गई आंसर की में फेल होने की लाइन में आ गए हैं। बोर्ड द्वारा एक माह में अपनी अधिकृत वेबसाइट पर दो बार परिणाम बदलने से बोर्ड की कार्यशैली की विश्वसनीयता भी संदेह के घेरे में आ गई है वहीं कई भावी शिक्षकों ने बोर्ड के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने जून 2016 को पीजीटी पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रदेश के सवा लाख से अधिक भावी शिक्षकों ने भागीदारी की। शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा के दो दिन बाद ही सभी विषयों की अलग अलग आंसर की भी बोर्ड की वेबसाइट पर डाल दी, जिसको देख कर कई बच्चों ने पात्रता परीक्षा उतीर्ण होने के योग्य पाया तो उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा, लेकिन सवा माह बाद आए परीक्षा परिणाम ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया और वे अनुतीर्ण शिक्षकों की श्रेणी में खड़े हो गए। परीक्षार्थी ऋषिकेश बाढ़डा, अनिता देवी, मीना देवी, राजबीर सिंह, मुकेश व गांव नरसिंहवास निवासी ऋषि ने बताया कि बोर्ड द्वारा पात्रता परीक्षा के नाम पर उनके साथ केवल एक वर्ष की कीमती समय की बर्बादी व आर्थिक दंड के अलावा कुछ नहीं मिला।
बोर्ड चेयरमेन जगबीर आर्य से बताया कि बोर्ड ने अपने एक्सपर्ट की सलाह और विषय विशेषज्ञ की सलाह पर ही आंसर की डाली थी। निजी किताबों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट जाने की तैयारी
नरसिंहवास के ऋषिकेश ने बताया कि बोर्ड ने 21 जून को पहली आंसर की डाली थी, जिसमें वे पास थे लेकिन रिजल्ट आने पर उनके 81 नंबर ही आए। फिर से आंसर की टटोली तो वे भी हक्के बक्के रहे गए, क्योंकि साइट पर जो आंसर की डाली गई थी, वह बदली हुई थी उसमें 8 प्रश्न के उत्तर ही अलग दर्शाए गए थे। ऋषिकेश ने कहा कि वे दोनेा उत्तर कुंजी लेकर कोर्ट में जाएंगे। हरियाणा छात्र संघ अध्यक्ष विजय मोटू, एडवोकेट अनिल मान ने कहा कि पीजीटी की पात्रता परीक्षा के मामले में बार बार भावी अध्यापकों का अपमान हुआ है। dt
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