रोहतक : शिक्षा विभाग में कार्यरत प्राध्यापक स्थानांतरण के इंतजार में है, लेकिन विभाग की ओर से उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा, लिहाजा वे असमंजस की स्थिति में हैं। पिछले लगभग छह माह से स्थानांतरण नीति के तहत स्कूल प्राध्यापकों ने आवेदन भी दिए हैं, लेकिन हर बार समय सीमा बढ़ाकर आवेदन को टाला जा रहा है।
यह कहना है हसला के प्रधान बलजीत सिंह का : उन्होंने बताया कि शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग को एक एेसे तरीके से लटकाया जा रहा है कि शिक्षकों का ध्यान पढ़ाने की बजाय अपनी समायोजन योजना में लगा रहे। स्थानांतरण जैसी प्रक्रिया जून माह में संपन्न हो जानी चाहिए थी, जो जुलाई माह में भी पूरी नहीं हो सकी है। इस वजह से मई से जुलाई माह का शिक्षण कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। नौवीं से 12वीं कक्षा के मासिक परीक्षा एवं कक्षा छह से आठ तक की भी तिथियां कई बार बदली जा चुकी हैं। ऐसे में इसका सीधा असर छात्रों के परीक्षा परिणाम पर पड़ेगा। db
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