** बोर्ड में जिस शिक्षक का परिणाम टाप टेन पर रहेगा, उसे मिलेंगे
10 नंबर
जींद : लगता है कि किसी भी योजना को बनाते समय अधिकारी नियमों को
ध्यान से नहीं पढ़ते, तभी तो कुछ न कुछ कमी सामने आ ही जाती है। ऐसा ही इस
बार राज्य शिक्षक अवार्ड की योजना बनाते समय हुआ है। शिक्षा विभाग ने
सीएंडवी (शास्त्रीय एवं स्थानीय भाषा शिक्षक), मास्टर व मिडिल हेड के लिए
राज्य शिक्षक अवार्ड देने की सूचना व नियम जारी कर दिए, लेकिन अधिकतर
शिक्षकों के पास बोर्ड रिजल्ट न होने की वजह से वे इस अवार्ड की दौड़ से
स्वयं ही दूर हो जाएंगे। अन्य कैटेगरी के शिक्षक 100 में से अधिकतर अंक
लेकर दौड़ में बने रहेंगे, लेकिन इस कैटेगरी के शिक्षकों को 70 में से अंक
लेने होंगे। ये शिक्षक 70 से ज्यादा अंक नहीं ले सकेंगे और अन्य कैटेगरी के
शिक्षक बाजी मार जाएंगे।
यह आ रही समस्या
शिक्षा विभाग ने राज्य शिक्षक
अवार्ड के लिए दो कैटेगरी पहली से पांचवीं व छठी से 12वीं बनाई है। दूसरी
कैटेगरी में सीएंडवी, मास्टर, मिडिल हेड, ¨प्रसिपल, हेडमास्टर, पीजीटी,
डीपीई, पीटीआइ को रखा गया है। समस्या सीएंडवी, मास्टर व मिडिल हेड को आ रही
है, क्योंकि अवार्ड के लिए जो एकेडमिक रिकार्ड मांगा गया है, उसमें बोर्ड
परीक्षाओं का जिक्र कर दिया गया है। यानी बोर्ड में जिस शिक्षक का परिणाम
टाप टेन पर रहेगा, उसे 10 नंबर मिलेंगे।
इसी प्रकार से विभाग ने पांच
सालों से बोर्ड रिजल्ट में दसवीं कक्षा में 80, 90 प्रतिशत रिजल्ट लेने
वालों के भी 10-10 नंबर जोड़े गए हैं, ऐसे में कुल 30 नंबर बनते हैं।
जबकि थ्री टायर पद्धति लागू होने के बाद से अधिकतर मास्टर व मिडिल हेड या
सीएंडवी शिक्षक बोर्ड की कक्षाओं को पढ़ाने का काम ही नहीं करते हैं, ऐसे
में उन्हें केवल 70 नंबर तक की ही लड़ाई अवार्ड के लिए करनी होगी। हाई व
सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक या स्कूलों की संख्या बहुत
कम है। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रेस सचिव भूप वर्मा ने कहा कि
जो अध्यापक बोर्ड की कक्षाएं पढ़ाते हैं, उन्हें तो आवेदन करने के लिए 100
में से 50 नंबर चाहिए जबकि जो अध्यापक बोर्ड की कक्षाएं नहीं पढ़ाते,
उन्हें 70 में से 50 नंबर चाहिए। dj
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