'प्रमोशन और इंक्रीमेंट के लिए बेंचमार्क लेवल को 'गुड' से बढ़ाकर 'वेरी गुड' कर दिया गया है। ऐसे में जिन इम्प्लॉइज का काम 'वेरी गुड' कैटेगरी में होगा, सिर्फ उन्हें ही सालाना इंक्रीमेंट मिलेगा।'
** प्रमोशन के लिए भी वेरी गुड रेटिंग जरूरी कर दी गई है। अब प्रमोशन तभी मिलेगा जब टोटल सर्विस पीरियड में इम्प्लॉई को 'गुड' से ज्यादा 'वेरी गुड' रेटिंग मिलेगी।
** उदाहरण के तौर पर अगर किसी को 10 साल बाद प्रमोशन मिलना है और इन 10 सालों में उसे 6 गुड और 4 वेरी गुड रेटिंग मिली है तो प्रमोशन नहीं मिलेगा।
** लगातार 20 साल तक खराब काम किया तो कभी नहीं मिलेगा प्रमोशन
** फिलहाल ये सारे नियम अभी केंद्र सरकार के इम्प्लॉइज पर ही लागू होगा।
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