नई दिल्ली : केंद्र सरकार के अधिकारी अब फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सएप जैसे सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना नहीं कर पाएंगे। इसके लिए बाकायदा सर्विस (कंडक्ट) रूल्स में संशोधन की तैयारी है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने नए नियमों का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इसका मकसद सरकारी अधिकारियों को टीवी, सोशल मीडिया और संचार के अन्य साधनों पर सरकार की आलोचना करने वाले बयान देने से रोकना है।
ऑल इंडिया सर्विस रूल्स की समीक्षा के लिए गठित कमेटी ने इन बदलावों की सिफारिश की है। अधिकारियों की सोशल मीडिया पर आई टिप्पणियों पर सख्ती दिखाने के चलते सरकार को कई बार फजीहत का सामना करना पड़ा है।
ऐसे में सरकार ने सोशल मीडिया को नियमों में शामिल कर अनुशासनात्मक कार्रवाई का रास्ता साफ कर लिया है। हालांकि, अधिकारियों को सोशल मीडिया पर आने के लिए कोई मंजूरी नहीं लेनी होगी। ज्यादातर अधिकारी पहले से ही सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं।
इसके अलावा सरकार की योजना अधिकारियों को सार्वजनिक निकायों या संस्थानों द्वारा आयोजित होने वाले कम खर्चीले मनोरंजक आयोजनों में भाग लेने तक सीमित करने की भी है। कंडक्ट रूल्स में दूसरे बदलाव के तहत अधिकारियों को दो महीने के मूल वेतन के दोगुने से ज्यादा कीमत के सामान खरीदने की सूचना सरकार को देनी होगी। पहले अधिकारियों को गाड़ी, फ्रिज, रेडियो, टीवी या घोड़ा खरीदने पर जानकारी देनी होती थी।
नएनियम अमल में आने के बाद सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करने वालो अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।
नियमों के तहत अगर किसी अधिकारी के बयान से केंद्र या राज्य सरकार की मौजूदा नीति या कदम की आलोचना होती हो, केंद्र के राज्य सरकारों या दूसरे देशों के साथ संबंधों पर बुरा असर पड़ता हो तो उन्हें सरकार की आलोचना माना जाता है।
सर्विस (कंडक्ट) रूल्स, ड्राफ्ट में ये नया नियम
अभी क्या हैं नियम :
सरकारी अधिकारी रेडियो, पब्लिक मीडिया, किसी दस्तावेज या मीडिया को दिए संबोधन में सरकार की बुराई नहीं कर सकते हैं।
नए रूल्स में क्या :
सेवामें मौजूद सदस्य को टीवी, सोशल मीडिया और दूसरे किसी कम्युनिकेशन एप पर सरकार विरोधी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। डॉक्युमेंट में कैरिकेचर भी शामिल होगा। db
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