अम्बाला सिटी : हरियाणा विद्यालयशिक्षा
बोर्ड द्वारा संचालित वार्षिक परीक्षा मार्च-2017 में जिन नियमित
परीक्षार्थियों के परिणाम में एक विषय में कंपार्टमेंट घोषित हुई और जो
परीक्षार्थी एक विषय में अंक सुधार करना चाहते हैं एक विषय में अतिरिक्त
विषय की परीक्षा देना चाहते हैं। वे जुलाई माह में होने वाली पूरक परीक्षा
में अपीयर हो सकते हैं। ऐसे परीक्षार्थी अपना आवेदन-पत्र संबंधित विद्यालय
के माध्यम से और सीधे तौर पर भी बोर्ड को निर्धारित अवधि में शुल्क सहित
ऑनलाइन भेज सकते हैं।
बोर्ड अध्यक्ष डॉ. जगबीर सिंह ने कहा कि बोर्ड
द्वारा छात्रहित में निर्णय लिया गया है कि पूरक परीक्षा का आयोजन सितंबर
माह के स्थान पर जुलाई माह में किया जाएगा। पूरक परीक्षा के लिए जो
परीक्षार्थी अपना आवेदन-पत्र ऑनलाइन बोर्ड कार्यालय को भेजना चाहते हैं,
उनके लिए दोनों विकल्प खुले खोले गए हैं। वे चाहें तो संबंधित विद्यालय के
माध्यम से अपना आवेदन-पत्र ऑनलाइन भिजवाएं यदि किन्हीं परिस्थिति विशेष में
ऐसा नहीं कर पाते हैं तो वे आवेदन सीधे भी बोर्ड कार्यालय को भेज सकते
हैं। यह इसलिए किया गया है ताकि परीक्षार्थी अपनी पूरक परीक्षा जुलाई माह
में देकर अन्य कहीं दाखिला ले सकें। विद्यालय के माध्यम से आवेदन-पत्र
इसलिए मांगे गए हैं ताकि परीक्षार्थी के प्रमाण-पत्र में संबंधित विद्यालय
का नाम जोड़ा जा सके। यदि परीक्षार्थी प्रथम अवसर में अपनी कंपार्टमेंट
परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाता है तो दूसरे अवसर मार्च-2018 में अपीयर होने
पर उसके प्रमाण-पत्र में विद्यालय का नाम नहीं जोड़ा जाएगा। बल्कि उसे
स्वयंपाठी मानते हुए उसके गृह जिले का नाम प्रमाण-पत्र में अंकित किया
जाएगा।
सीटीपी से दे सकते हैं परीक्षा
उन्होंनेकहा कि जो नियमित
परीक्षार्थी एक से अधिक विषयों में अनुत्तीर्ण हुए हैं। वे पुन: उसी कक्षा
में प्रवेश लेकर मार्च-2018 में नियमित छात्र के रूप में परीक्षा दे सकते
हैं। इसके अतिरिक्त यदि परीक्षार्थी चाहे तो हरियाणा मुक्त विद्यालय से
क्रेडिट ट्रांसफर पॉलिसी सीटीपी के माध्यम से उन विषयों की परीक्षा दे सकते
हैं, जिनमें वे अनुत्तीर्ण हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों
द्वारा उनके यहां अध्ययनरत परीक्षार्थियों के आधार नंबर नहीं भेजे गए हैं
ऐसे परीक्षार्थियों का परिणाम घोषित कर दिया गया है, लेकिन उनके
प्रमाण-पत्र रोके जा रहे हैं। जब तक ऐसे परीक्षार्थियों के आधार नंबर
विद्यालयों द्वारा बोर्ड कार्यालय को नहीं भेजे जाएंगे। तब तक उनके
प्रमाण-पत्र नहीं भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि संबंधित विद्यालय इस बारे
तुरंत कार्रवाई करें। अन्यथा परीक्षार्थी को किसी प्रकार के होने वाले
नुकसान के लिए संबंधित विद्यालय उत्तरदायी होंगे। बोर्ड की इसके लिए
जिम्मेवारी नहीं होगी।
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