राजकीय प्राथमिक स्कूल नई बसौदी में सन 2010 में केवल 29 बच्चे रह गए थे। स्कूल के तत्कालीन हेडमास्टर महेंद्र सिंह को शिक्षा विभाग की तरह से सूचना दी गई कि विद्यार्थियों की संख्या कम होने की वजह से स्कूल को इसी सत्र से बंद करना पड़ेगा। हेडमास्टर महेंद्र ने इसकी सूचना ग्रामीणों को दी थी। उसके बाद ग्रामीण स्कूल को बंद होने से बचाने के लिए आगे आए थे। मास्टर महेंद्र सिंह के आग्रह पर गांव के सभी बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकाल लिया। उन्हें सरकारी स्कूल में दाखिल करा दिया गया। ग्रामीणों के प्रयास की वजह से 2010 में ही विद्यार्थियों की संख्या 75 हो गई। जो अब बढ़कर 301 हो गई हैं। इतना ही नहीं स्कूल में अब छह गांवों से बच्चे पढ़ाई करने के लिए रहे हैं।
यह मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया जाएगा
"नई बसौदी गांव के स्कूल की फाइल विभाग को भेज गई थी। किस वजह से स्कूल अपग्रेड नहीं हुआ। इस बारे में उच्च अधिकारियों के मामला संज्ञान में लाया जाएगा। उम्मीद है कि अगले सत्र से स्कूल को अपग्रेड कराने का पूरा प्रयास किया जाएगा।''-- दयानंद आंतिल,जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सोनीपत।
ग्रामीण साहब सिंह, बलबीर सिंह, सोमबीर, शिवनारायण, रामऋषि, रामपत, हवासिंह, समे सिंह, ओमप्रकाश, संजय ने कहा कि ग्रामीण पूरी मेहनत से सरकारी स्कूल को प्राइवेट की तरह से चला रहे हैं। स्कूल अपग्रेड होने के सभी नार्म पूरे कर रहा है। वे 2011 से शिक्षा विभाग के पास फाइल लेकर चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उनके साथ विश्वासघात हो रहा है। साहब सिंह ने बताया कि अभिभावक स्कूल में पलड़ी, पलड़ा, बसौदी, नांदनौर, असदपुर बड़ौली गांव से करीब तीन सौ विद्यार्थी पहुंच रहे हैं। यदि सरकार स्कूल को अपग्रेड कर दे तो वे प्राइवेट स्कूल की महंगी फीस से बच जाएंगे।
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