चंडीगढ़ : प्रदेश
में कर्मचारियों एवं अधिकारियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाए जाने के आसार कम
ही नजर आते हैं। अलबत्ता 58 वर्ष की उम्र होने के बाद
कर्मचारियों-अधिकारियों को आगे काम करने का विकल्प दिया जा सकता है।
संबंधित विभाग अपनी जरूरत अनुसार कर्मचारियों का सेवा विस्तार कर सकते हैं।
इस तरह का फैसला लेने की दिशा में राज्य सरकार आगे बढ़ रही है।राज्य के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की अध्यक्षता में गठित की गई
कैबिनेट सब-कमेटी ने इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया है।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज तो बुधवार को हुई इस बैठक में नहीं पहुंचे,
लेकिन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी व मुख्य
सचिव डीएस ढेसी बैठक में मौजूद रहे।
संगठनों की दलील, न बढ़े रिटायरमेंट उम्र:
मोटे तौर पर कैबिनेट सब-कमेटी को
कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 58 से बढ़ाकर 60 की जाए या नहीं, इस पर
अपनी सिफारिशें सरकार को देनी हैं। कमेटी के पास विभिन्न कर्मचारी संगठनों
ने ज्ञापन दिए हुए हैं। अधिकांश संगठनों की दलील है कि रिटायरमेंट उम्र में
बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए। भाजपा का ही छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी
परिषद भी रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने के विरोध में है। ऐसे में कैबिनेट
सब-कमेटी बीच का रास्ता निकाल रही है। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का
कहना है कि 58 वर्ष की उम्र में रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों व
अधिकारियों के सेवा विस्तार के बारे में विभाग अपने स्तर पर नियम बना सकते
हैं। कर्मचारियों व अधिकारियों की कार्यदक्षता, उनका रिकार्ड (एसीआर) तथा
पदों की तकनीकी जरूरत के हिसाब से सेवा विस्तार किया जा सकता है।
2017 में ज्यादा रिटायर होंगे कर्मी
वैसे तो हर वर्ष सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त होते रहते हैं परंतु 2017 में
मौलिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, पुलिस तथा सिंचाई विभाग में सेवानिवृत्त
होने वाले कर्मचारियों की संख्या अधिक रहेगी। बैठक में पुलिस महानिदेशक ने
जानकारी दी है कि उनके विभाग में अनुसंधान अधिकारियों के अधिक संख्या में
सेवानिवृत्ति होने के कारण अनुसंधान कार्य प्रभावित होता है।
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