** इसके बाद नियुक्ति पा चुके कई शिक्षक नौकरी से हो सकते हैं बाहर
** 12,7311 शिक्षक अलग-अलग सूची में, अब 9455 पदों के लिए बनेगी मेरिट
** 8406 नियुक्ति पा चुके शिक्षकों में से कई हो सकते हैं नौकरी से बाहर
** 16 हजार के करीब शिक्षकों के पद प्रदेश में हैं खाली
चंडीगढ़ : चार साल की अदालती लड़ाई के बाद नौकरी पा रहे नवचयनित जेबीटी
शिक्षकों पर फिर संकट मंडराने लगा है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने
सोमवार को वर्ष 2011 और 2013 की संयुक्त मेरिट लिस्ट बनाने का निर्देश दिया
है। अलग-अलग मेरिट लिस्ट में कुल 12,731 जेबीटी शिक्षकों के नाम हैं
जिनमें से 9455 पदों के लिए सूची बनेगी। नई मेरिट लिस्ट बनाए जाने से हाल
ही में नियुक्ति पा चुके कई शिक्षक नौकरी से बाहर हो सकते हैं। हाईकोर्ट की
डिविजन बेंच ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि संयुक्त मेरिट लिस्ट
के आधार पर ही जेबीटी टीचरों को नियुक्ति पत्र जारी किया जाए।
मामले की
सुनवाई के दौरान याची नवीन कुमार के वकील ने कहा कि डिविजन बेंच ने स्पष्ट
आदेश दिया था कि सभी तरह की तकनीकी व अन्य तरह की जांच पूरी होने तक
नवचयनित जेबीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया जाए। इसके बावजूद
शिक्षा विभाग ने नियुक्ति पत्र जारी करना शुरू कर दिया।
आदेश के मुताबिक
वर्ष 2011 व 2013 में एचटेट पास करने वाले शिक्षकों की संयुक्त मेरिट के
आधार पर नियुक्तियां देनी थी, लेकिन अब केवल वर्ष 2011 की मेरिट के आधार पर
ज्वाइनिंग कराई जा रही है। यह 9455 पदों के तहत हो रही है और अब तक
जेबीटी ज्वाइन कर चुके हैं। जिरह के बाद डिविजन बेंच ने सरकार को निर्देश
दिया कि संयुक्त मेरिट सूची बनाकर नियुक्ति पत्र जारी करे, लेकिन यह
विज्ञापन में जारी पदों से ज्यादा न हो। यानि 9455 पदों में से 9401 पदों
पर मेरिट के आधार पर नियुक्ति दे।
रद हो सकते हैं हाल में मिले नियुक्ति पत्र
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के इस आदेश
से हाल ही में नियुक्ति पाने वाले कुछ शिक्षकों के नियुक्ति पत्र रद हो
सकते हैं। हाई कोर्ट की एकल बेंच के आदेश के अनुसार नियुक्ति पत्र पर साफ
शब्दों में लिखा गया है कि शिक्षकों की नियुक्ति हाई कोर्ट के आदेश पर
निर्भर करेगी।
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