नई दिल्ली : दसवीं और बारहवीं के परीक्षा परिणामों में देरी हो
सकती है। ऐसा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के रुख से लग रहा
है। बोर्ड ने ग्रेस मार्क्स पर दिल्ली हाई कोर्ट की रोक के खिलाफ सुप्रीम
कोर्ट जाने की तैयारी कर ली है। इस सिलसिले में मानव संसाधन विकास मंत्री
प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता में हुई बैठक में विशेषज्ञों की राय के आधार
पर फैसले को चुनौती देने का फैसला लिया गया। इसके लिए बोर्ड विशेष अनुमति
याचिका दायर करेगा।
गौरतलब है कि बोर्ड ने ग्रेस मार्क्स देने वाली
मॉडरेशन पालिसी को दो महीने पहले खत्म कर दिया था। लेकिन मंगलवार को दिल्ली
हाई कोर्ट ने इसे फिर से बहाल कर दिया। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला
आने तक परिणाम रुक सकते हैं। सीबीएसई ने इस बार 10वीं व 12 वीं की अतिरिक्त
अंक नीति (मॉडरेशन पालिसी) को खत्म कर दिया था। इसमें परीक्षार्थियों को
तीन तरह से ग्रेस मार्क्स (अतिरिक्त अंक) दिए जाते हैं। सूत्रों का कहना
है कि सीबीएसई ने इसकी तीसरी श्रेणी पर आए फैसले को चुनौती देने की तैयारी
की है। तीसरी श्रेणी के तहत ही कठिन सवाल पर विद्यार्थी को अतिरिक्त अंक
दिए जाते हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि नीति को खत्म
करना है तो इसे अगले सत्र से किया जाए। इसलिए कि इस सत्र में जो
परीक्षार्थी हैं उन्हें प्रवेश के समय इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
अगर पहले से पता होता तो वह सचेत रहते और अपनी तैयारी अच्छे तरीके से करते।
32 बोर्डो का था फैसला:
छात्रों के समक्ष संकट यह भी है कि अतिरिक्त अंक
नीति को समाप्त करने का फैसला देश भर के 32 बोर्डो ने लिया था। इसमें
बदलाव होता है तो कई बोर्डो के परिणाम देर से घोषित होंगे, जबकि छह राज्य
अपने परिणाम पहले ही घोषित कर चुके हैं। अगली कक्षा में प्रवेश को लेकर
उन्हें परेशानी ङोलनी पड़ सकती है।
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