तोशाम : 2011 में तत्कालीन प्रदेश सरकार द्वारा भर्ती किए
गए लगभग 8400 जेबीटी टीचर्स को गृह जिलों से बाहर नियुक्ति देने के मामले
में राहत मिलती दिखाई दे रही है और 23 मई को होने वाली सुनवाई में संबंधित
अध्यापकों को गृह जिलों में नियुक्ति की खुशखबरी मिल सकती है, लेकिन इसके
साथ ही हजारों गेस्ट जेबीटी टीचर्स की मुसीबतें बढ़ती भी दिखाई दे रही हैं।
हाईकोर्ट सूत्रों के अनुसार आज हाईकोर्ट में उन 8400 जेबीटी टीचर्स, जो
2011 में भर्ती किए गए थे, को भर्ती के समय गृह जिलों से बाहर भेजने के
मामले में प्रभावित टीचर्स पवन कुमार व अन्य द्वारा तबादलों को लेकर याचिका
दायर की गई थी, पर बहस हुई। बहस पूरी होने पर हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा
कि इन जेबीटी टीचर्स के तबादलों के लिए क्या योजना बनाई गई है। इन टीचर्स
को 6 सालों से सैकड़ो किलोमीटर दूर अन्य जिलों में नौकरी करनी पड़ रही है।
सरकार अगली तारीख पर कोर्ट को अवगत कराये कि इन जेबीटी टीचर्स के लिए
ट्रांसफर की क्या योजना है। अगली सुनवाई 23 मई को होनी है।
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