नई दिल्ली: दिल्ली सब आर्डिनेट सर्विस सेलेक्शन बोर्ड (डीएसएसएसबी) दिल्ली
के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्तियां करने की योजना तैयार कर रहा
है। अतिथि शिक्षकों ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि भर्ती की प्रक्रिया
शुरू होने से पहले अतिथि शिक्षकों के लिए पॉलिसी बनाई जाए, जिससे उन्हें
न्याय मिल सके।
दिल्ली के 1024 सरकारी स्कूलों में 17 हजार से अधिक अतिथि
शिक्षक पढ़ाते हैं। दिल्ली में स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया
शुरू होने से पहले अतिथि शिक्षकों के संगठन ने पंजाब और हिमाचल प्रदेश की
तर्ज पर अतिथि शिक्षकों के लिए पॉलिसी बनाने की मांग की है। ऑल इंडिया
गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के संयोजक मनीष गौड़ का कहना है कि अतिथि शिक्षक
वर्षो से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शिक्षक भर्ती में उनको वरीयता मिलनी
चाहिए, जबकि उनकी नौकरी की समय सीमा के अनुपात में अतिथि शिक्षकों को उम्र
में छूट मिलनी चाहिए। एसोसिएशन के महासचिव शोएब राणा का कहना है कि दिल्ली
के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों 27142 पद खाली हैं, केवल 8298 पदों पर
शिक्षकों को भर्ती करने की तैयारियां चल रही हैं। सरकारी स्कूलों में लगभग
17000 अतिथि शिक्षक 6-7 साल से सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार से
अतिथि शिक्षक उम्मीद करते है कि वह अतिथि शिक्षकों को समायोजित करने के
लिए कोई योजना बनाए।
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