नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय में अब परास्नातक सहित एमफिल, पीएचडी और
लॉ की प्रवेश परीक्षा अब केवल विगत वर्ष की भांति ऑफलाइन होगी। हालांकि अब
प्रवेश परीक्षा के लिए केंद्रों की संख्या 18 से घटाकर पांच कर दी गई हैं।
डीयू के शिक्षक व छात्रों ने जबरदस्त विरोध के बाद अब डीयू प्रशासन को अपना
कदम वापस खींचना पड़ा है।
ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा न कराने के विरोध में
पहली बार डीयू के शिक्षक संगठन एनडीटीएफ ने भी डीयू प्रशासन का विरोध किया। यह प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही छात्र संगठन इस प्रक्रिया की शुचिता
पर सवाल उठा रहे थे और कुछ शिक्षकों द्वारा इस बाबत सरकार को पत्र लिखने
की बात सामने आई थी। लेकिन डीयू अड़ा था। हालांकि इस बीच जब एबीवीपी के
कार्यकर्ता और डूसू पदाधिकारी भूख हड़ताल पर बैठे तो डीयू प्रशासन पर दबाव
बढ़ा। शनिवार को डीयू की स्थायी समिति की बैठक में सदस्यों के बीच आपसी
सहमति न बनने और परीक्षा विभाग की परेशानी को ध्यान में रखते हुए डीयू ने
अब किसी केंद्र पर ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा न कराने का निर्णय लिया। दाखिला
समिति के अध्यक्ष प्रो.एमके पंडित का कहना है कि स्थायी समिति की बैठक में
अब केवल ऑफलाइन परीक्षा लेने पर निर्णय लिया गया है जबकि प्रोफेशनल कोर्स
में पहले जैसे प्रवेश परीक्षाएं होंगी।
पटना केंद्र न होने पर सदस्य
ने जताया विरोध
स्थायी समिति के सदस्य समरेंद्र ने बताया कि दिल्ली,
वाराणसी, कोलकाता, गुवाहाटी और नागपुर में डीयू ने परीक्षा केंद्र बनाए
हैं। लेकिन मैंने समिति के सदस्यों से कहा है कि बिहार और झारखंड से भी
बड़ी संख्या में छात्र आकर आवेदन करते हैं ऐसे में पटना या रांची में भी
परीक्षा केंद्र होना चाहिए। लेकिन मेरी बात नहीं मानी गई और हमने अपना वहां
विरोध जताया।
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