विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.
टंकेश्वर कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय ने तीन डुअल डिग्री पाठ्यक्रम
प्रारंभ किए हैं। इन पाठ्यक्रमों की विशेषता है कि विद्यार्थी को तीन वर्ष
के बाद स्नातक ऑनर्स की डिग्री पूरी करके विश्वविद्यालय से जाने की छूट
होगी। जो विद्यार्थी स्नातकोत्तर की पढ़ाई निरंतर जारी रखना चाहेंगे, वे
विश्वविद्यालय में रहकर एमएससी कर सकेंगे। इस पाठ्यक्रम से प्रदेश आसपास के
क्षेत्रों के 12वीं पास करके सीधे विश्वविद्यालय कैंपस में पढ़ाई कर
सकेंगे। विश्वविद्यालय का डुअल डिग्री का पाठ्यक्रम इस प्रकार से बनाया गया
है कि विद्यार्थियों के पास अनुसंधान करने के अवसर उपलब्ध होंगे। बॉयोटेक,
कैमिस्ट्री फिजिक्स में डुअल डिग्री में पाठयक्रम प्रारंभ किए गए हैं।
कुलपति
ने कहा कि विद्यार्थी एमटेक के मैटीरियल साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी,
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (पावर सिस्टम), इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
(आईएंडसी), इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स
एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (वीएलएसआई डिजाइन), बॉयो मैडिकल इंजीनियरिंग,
कैमिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग (हाईवे एंड सेफ्टी),
बॉयोटेक्नोलॉजी, फूड टेक्नोलॉजी, रिन्युएबल एनर्जी, एनर्जी स्टडीज एंड
एंवायरमेंटल मैनेजमेंट के प्रोग्राम शामिल हैं। जबकि मानविकी और प्रबंधन
में विद्यार्थी एमए इंग्लिश, एमबीए 5 वर्षीय डुअल डिग्री, एमबीए (हॉस्पिटल
एडमिनिस्ट्रेशन) एमबीए के प्रोग्राम शामिल हैं। आर्किटेक्चर विभाग के तहत
एम आर्क (सस्टेनेबल आर्किटेक्चर), एम प्लान (अर्बन एंड रूरल), एम टेक
(कंस्ट्रक्शन एंड रियल अस्टेट मैनेजमेंट) में आवेदन कर सकते हैं। कुलपति
प्रो. टंकेश्वर ने कहा कि एम.एससी प्रोग्राम के तहत बॉयोटेक्नोलॉजी,
कैमिस्ट्री, मैथमेटिक्स (इंटीग्रेटेड), मैथमेटिक्स, फिजिक्स, एंवायर्नमेंट
साइंस में आवेदन कर सकते हैं। जबकि एम.एससी. के पांच वर्षीय प्रोग्राम में
डुअल डिग्री के तहत बॉयोटेक्नोलॉजी में बीएस.सी.ऑनर्स
एम.एससी.बॉयोटेक्नोलॉजी, ,कैमिस्ट्री में बीएस.सी.ऑनर्स एम.एससी
कैमिस्ट्री, फिजिक्स में बीएस.सी.ऑनर्स एम.एससी में आवेदन कर सकते हैं।
पीजी डिप्लोमा इन फॉरेंसिक बॉयोटेक्नोलॉजी में भी आवेदन कर सकते हैं।
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