चंडीगढ़ : प्रदेश के शिक्षा विभाग में 9455 चयनित जेबीटी शिक्षकों में से
अधिकतर नियुक्ति हासिल कर चुके है, लेकिन 300 ऐसे हैं जिनकी नियुक्ति लटकी
हुई है। इसकी वजह यह है कि हस्ताक्षर की जांच के बाद मधुबन स्थित फोरेंसिक
साइंस लैब ने जो रिपोर्ट दी है, उसमें इनके हस्ताक्षर के बारे में
‘निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता’ लिखा गया है। इसका अर्थ यह है कि
हस्ताक्षर संबंधित अभ्यर्थी का भी हो सकता है या नहीं भी हो सकता है। इस
रिपोर्ट के बाद प्रदेश सरकार ने इनकी नियुक्ति रोक दी है। अपनी नियुक्ति
रोके जाने के खिलाफ इन लोगों ने हाईकोर्ट की शरण ली है।
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