चंडीगढ़ : रेवाड़ी के गोठड़ा में स्कूल का दर्जा बढ़ाने के लिए छात्रओं की
जिद के आगे सरकार के झुकने के बाद प्रदेश भर में स्कूलों को अपग्रेड कराने
की होड़ सी लग गई है। जगह-जगह चल रहे छात्रओं के धरने-प्रदर्शनों के बीच
शिक्षा निदेशालय के पास सांसद-विधायकों की करीब 400 स्कूलों को अपग्रेड
करने की सिफारिशें पहुंच चुकीं हैं। अचानक अपग्रेडेशन के लिए बढ़ी मांग को
देख सभी मामले उच्चाधिकारियों को विचार के लिए भेजे गए हैं।
शिक्षा विभाग
के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास पहले ही कह चुके कि तकनीकी कारणों से अब
स्कूलों को अपग्रेड नहीं किया जा सकता। केवल उन्हीं स्कूलों का दर्जा
बढ़ाया जा सकता है जिनकी प्रक्रिया पहले से चल रही है। इसके बावजूद लगातार
विभिन्न स्थानों से मंत्री-विधायकों और सांसदों की सिफारिशें पहुंचना जारी
हैं। इन जनप्रतिनिधियों में ज्यादातर सत्ता पक्ष के हैं। इतना ही नहीं,
दर्जा बढ़वाने का क्रेडिट लेने के लिए कई विधायकों ने ऐसे स्कूलों के नाम
भी भेज दिए जो पहले ही अपग्रेड हो चुके। विगत डेढ़ साल में प्रदेशभर में
कोई नया सरकारी स्कूल नहीं खुला, जबकि 368 स्कूलों को168 स्कूलों के साथ
मर्ज कर दिया गया। हालांकि इस दौरान कोई भी राजकीय उच्च विद्यालय या वरिष्ठ
माध्यमिक विद्यालय बंद नहीं किया गया है। कुल तीन स्कूल अपग्रेड हुए
जिनमें रेवाड़ी जिले का प्राथमिक विद्यालय कोटापुरी, प्राथमिक विद्यालय
सुमाखेड़ी और गोठड़ा टप्पा का राजकीय कन्या उच्च विद्यालय शामिल है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई सूची
स्कूलों का दर्जा बढ़वाने के लिए चल रही
जिद्दोजहद के बीच सोशल मीडिया पर 173 स्कूलों के अपग्रेड होने की लिस्ट
वायरल हो रही है। इसमें चार स्कूल ऐसे हैं जो पहले ही अपग्रेड किए जा चुके।
शिक्षा निदेशालय के मुताबिक अभी तक दर्जा बढ़ाने के लिए स्कूलों की ऐसी
कोई सूची फाइनल नहीं हुई। एक उच्च अधिकारी ने बताया कि निदेशालय में पहुंचे
अपग्रेडेशन के मामलों में एक भी ऐसा नहीं जिस पर किसी मंत्री-विधायक या
सांसद की सिफारिश न हो। फिलहाल उच्च स्तर पर इन सिफारिशों पर विचार किया जा
रहा है।
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