यह कार्यक्रम राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में आगामी शिक्षा सत्र एक जून से शुरू किया जाएगा। 'आईटी एट दी रेट स्कूल प्रोजेक्ट' में राज्य के सभी लोअर(कक्षा-1 से 4) और अपर (कक्षा-5 से 7) तक के 9279 प्राइमरी स्कूलों को शामिल किया गया है। कक्षा 8 से 12 तक यह कार्यक्रम 2005 से ही चल रहा है। इस कार्यक्रम के तहत शिक्षा विभाग ने एट दी रेट विद्या लॉन्च की है। इसमें कक्षा-5 से 7 तक के स्टूडेंट्स के लिए टेक्स्टबुक और प्राइमरी स्कूल के स्टूडेंट्स के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम और रिसोर्स डीवीडी शामिल हैं। इसे आईटी एट दी रेट स्कूल ने डेवलप किया है। किताबों के लिए फ्री और ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर बनाए गए हैं। यह किताबें मलयालम, इंग्लिश, तमिल और कन्नड़ भाषा में उपलब्ध होंगी। इसके लिए सभी स्कूलों को एक डीवीडी दी जाएगी, जिसमें जरूरत के सॉफ्टवेयर रहेंगे। यह बच्चों को किताबें पढ़ने में भी मदद करेंगे। इसकी जानकारी शनिवार को राज्य के शिक्षा मंत्री सी राविंद्ररनाथ ने दी। उन्होंने बताया 'अब राज्य के सभी स्कूलों में सूचना और कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) कार्यक्रम को समग्र रूप से लागू किया जाएगा। शिक्षा में आईसीटी को शामिल करने के बाद केरल देश में रोल मॉडल बन गया है। राज्य में आईटी एजुकेशन को 2005 में आईटी एट दी रेट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया गया था। अब इसे प्राइमरी सेक्शन में भी शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही आईसीटी कार्यक्रम में कक्षा-1 से 12 तक के सभी स्कूल शामिल हो जाएंगे।' आईटी एट दी रेट स्कूल प्रोजेक्ट के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के अनवर सादात बताते हैं 'इसके लिए सभी प्राइमरी स्कूलों के 70 हजार अध्यापकों को ट्रेंड किया गया है। 8918 यानी 97% प्राइमरी स्कूलों में बीएसएनएल ब्रॉडबैंड की कनेक्टीविटी भी 1 जून तक मुहैया करा दी जाएगी।'
केरल में 8वीं से 12वीं तक करीब 45,000 क्लासरूम पहले ही डिजिटल बनाए जा चुके हैं। इसके तहत क्लासरूम में शिक्षण के विभिन्न माध्यमों जैसे टेक्स्टबुक, टीचिंग, प्रैक्टिकल, शिक्षक प्रशिक्षण, मॉनिटरिंग एवं मूल्यांकन को व्यापक पैमाने पर अपग्रेड किया गया है। 8वीं से 12वीं तक की क्लासेज में आईसीटी का इस्तेमाल करके ई-गवर्नेंस को क्रियान्वित किया जा रहा है।
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