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Monday, 23 December 2013

20 जनवरी तक मांगें नहीं मानी तो 21 से 23 तक प्रदेशभर में हड़ताल

हल्ला बोल : मांगों को लेकर कर्मचारियों ने साल के सबसे छोटे दिन किया बड़े आंदोलन का आगाज, वोट न देने की बात कह बनाया सियासी दबाव 
रोहतक : प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी, संवेदनहीनता व जनविरोधी नीतियों को लागू करने के विरोध में साल के सबसे छोटे दिन सीएम सिटी में राज्य भर के हजारों कर्मचारियों ने हल्ला बोला। तीखे तेवर दिखाते हुए सरकार को आउटसोर्सिंग, निजीकरण व ठेकाकरण की नीतियों पर रोक लगाने के लिए 20 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया। साथ ही, चेतावनी दी कि अगर सरकार नींद से नहीं जागी तो वह 21 से 23 जनवरी तक प्रदेश के सभी सरकारी विभागों में हड़ताल के साथ चक्का जाम कर मुंहतोड़ जवाब देंगे। इसके बावजूद, मांगों पर गंभीरता नहीं दिखाई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी। 
मांग पूरी नहीं तो वोट नहीं 
हरियाणा कर्मचारी तालमेल कमेटी के आह्वान पर रविवार दोपहर 12:15 बजे छोटूराम स्टेडियम में हुई हल्ला बोल रैली में प्रदेशभर के हजारों कर्मचारी ने नीतियों के खिलाफ गुस्सा दिखाया। स्टेडियम में बैठे कर्मचारियों ने एक सुर में कहा कि अगर सरकार ने ऐसे ही तानाशाही रवैया अपनाए रखा, तो वे भी आगामी चुनाव में वोट देने से पीछे हट जाएंगे। रैली की अध्यक्षता करते हुए सर्व कर्मचारी संघ के प्रांतीय प्रधान धर्मबीर सिंह फौगाट ने कहा कि हरियाणा के नंबर वन का ढिंढोरा पिटने वाली राज्य सरकार छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को केंद्र के समान वेतन, ग्रेड पे व भत्ता देने में विफल रही है। साथ ही, वेतन विसंगतियों को भी दूर नहीं किया गया है, वहीं करीब 20 वर्ष तक सेवा करने के उपरांत भी नियमित न होने वाले कर्मचारियों की फौज भी इसी प्रदेश में है। 4 बजे, मंच से आगामी आंदोलन की घोषणा कर इसे निर्णायक मोड़ दिया गया। हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय प्रधान राजसिंह दहिया ने कहा कि सरकार बैसाखियों के सहारे चल रही है। आज कई विधायक जेल में है तो और कई अन्य जाने की तैयारी में हैं। 
हल्ला बोल की झलकियां 
1. रैली खत्म होने के बाद मुख्य गेट से बाहर जाने के लिए जगह नहीं मिली तो दीवारों को फांदकर कूदीं महिला कर्मचारी। 
2. मंच से बार-बार कर्मचारियों से स्टेडियम में बैठने की अपील की गई। 
3. जब कुछ वक्ताओं को बोलने नहीं दिया गया तो वह नाराज होकर चले गए। 
4. रैली के बीच में से ही उठकर जाने लगी महिला कर्मचारी। 
5. एक वक्ता ने गीता भुक्कल को शिक्षा भुक्कल बोला। 
6. मोबाइल में रैली को कैद किया। 
आगे क्या 
हरियाणा कर्मचारी महासंघ हड़ताल की रणनीति को लेकर 28 को रोडवेज यूनियन के प्रदेश कार्यालय में राज्यस्तरीय बैठक करेगा। वहीं, 29 को हरियाणा मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन सीएम से मुलाकात कराने के आश्वासन को लेकर विधायक बतरा से मिलेंगे। 
सर्दी में भी हौसले नहीं हुए कम 
सरकार की दमनकारी नीतियों से गुस्साए कर्मचारियों के हौसले सर्दी में भी कम नहीं पड़े। करीब 4 घंटे तक खुले में चली इस रैली में महिला व पुरुष कर्मचारी दरी पर जगह न मिलने से रेतीली जमीन पर ही बैठे रहे। वहीं, जिन कर्मचारियों को स्टेडियम में जगह नहीं मिली, उन्होंने बाहर फुटपाथ पर बैठ मुख्य वक्ताओं के विचारों को सुना। यहीं नहीं, महिला प्रदर्शनकारी भी अपने लाडलों को लेकर रैली में पहुंची।                                     db

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