हिसार : प्रदेश में नवनियुक्त पीजीटी टीचर्स आगामी पांच वर्ष तक सरकारी नौकरी के लिए किसी भी विभाग में आवेदन नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा उनका प्रोबेशन पीरियड बढ़ाकर दो की बजाए तीन साल किया जा सकता है। हाल ही में शिक्षा विभाग ने सेवा नियमों में संशोधन किया है। इसका मुख्य कारण सरकारी स्कूलों में लगातार घटती शिक्षकों की संख्या है। इसी के चलते शिक्षा विभाग ने कड़ा रुख अपनाया हुआ है।
विभाग ने बकायदा नवनियुक्त पीजीटी शिक्षकों को दिए गए नियुक्ति पत्र में शर्ते लगाई हैं। विभाग के इस सख्त रवैये से शिक्षकों का एचसीएस व आइएएस बनने का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। अगर उन्हें सपना पूरा करना है तो पीजीटी की नौकरी से त्यागपत्र देना होगा। फिलहाल पीजीटी टीचर्स को या तो पांच साल तक स्कूलों में शैक्षणिक सेवाएं देनी होगी या फिर सपनों को पूरा करने के लिए पीजीटी नियुक्ति के साथ ही शिक्षा विभाग को त्याग पत्र देना होगा। बता दें कि इससे पहले पीजीटी टीचर्स नियुक्ति के समय उक्त नियमों की बंदिशें नहीं थी। इससे प्रदेश के सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में कार्यरत लेक्चरर शिक्षा विभाग से स्वीकृति के बाद एचसीएस व आइएएस इत्यादि परीक्षा ही देते थे और मंजिल भी पाते थे।
शिक्षा विभाग के अनुसार अगर कोई पीजीटी टीचर्स नियमों की अवहेलना करता है तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। विभाग ने इस संबंध में 16 नियम व शर्ते बनाई है। जिला शिक्षा अधिकारी दर्शना देवी ने बताया कि इन पीजीटी टीचर्स की आगामी पांच वर्षो तक अंतर-पदोन्नति संभव है। dj
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