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Monday, 30 December 2013

अतिथि शिक्षकों के दो गुटों का विलय, नियमितिकरण के लिए कसी कमर

फरीदाबाद : अपनी लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अतिथि शिक्षकों ने कमर कस ली है। हाल ही में इनके वेतन में वृद्धि की गई है। लेकिन ये नियमितिकरण पर अड़े हुए हैं। अपनी मांग को पूरा करने के लिए प्रदेश में बने दो गुटों का आपस में विलय हो गया है। शिक्षक अब अपनी मांगों के लिए एकजुट होकर बड़ा आंदोलन करेंगे।  
25 दिसंबर को जींद में आयोजित बैठक में राजकीय अनुबंध अध्यापक संघ का विलय अतिथि अध्यापक संघ में हुआ। इसमें निर्णय लिया गया कि एक संघ के बैनर तले आंदोलन तेज किया जाएगा। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। 2 जनवरी से सभी जिलों में सांसद के आवास पर नियमित करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करेंगे। इसमें बात न बनता देख सभी 11 जनवरी को कुरूक्षेत्र में जुटेंगे। इसमें सभी जिलों से प्रतिनिधि इकट्ठा होंगे। फिर एक बड़े आंदोलन की नींव डाली जाएगी। अतिथि शिक्षक के रूप में बड़ी संख्या में विधवा महिलाएं और ऐसे युवक लगे हैं। अब उनकी किसी अन्य नौकरी के लिए उम्र नहीं बची है। ऐसे में सबको अपने भविष्य की चिंता बढ़ गई है।
"वेतन माह में बढ़ोतरी का स्वागत करते हैं। अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की जरूरत है। जो घोषणा की गई है, वह भी गोलमोल है। स्पष्ट कुछ नहीं है। हमें सरकार नियमित करे। आखिर कब तक पेंडुलम की तरह लटकते रहें। इस सरकार से काफी उम्मीदें हैं।"--संत सिंह हुड्डा, कार्यकारी प्रधान अतिथि अध्यापक संघ                              db

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