** कैथल के गांव मानस में 10 एकड़ में खोला जाएगा स्कूल
** प्रदेश में खुलेंगे 21
कैथल : प्रदेश में 21 किसान मॉडर्न स्कूल खोले जाएंगे। नए सत्र से 11 मॉडर्न स्कूल शुरू हो जाएंगे। शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों के लिए मंजूरी दे दी है। जल्द ही इनके भवन बनने शुरू हो जाएंगे। इन स्कूलों का उद्देश्य किसान व मजदूरों के बच्चें का अन्य विषयों के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी से लैस करना है। पिछले कुछ वर्षों में किसानों ने खूब तरक्की की है।
नए तरीके से खेती कर किसान साधन संपन्न हो रहे हैं। उनके बच्चे मॉडर्न स्कूलों में पढ़ सकें। इसलिए प्रदेश सरकार ने हर जिला में एक किसान मॉडर्न स्कूल खोलने का प्लान बनाया है। लेकिन इसमें गांव में रहने वाले सभी मेधावी बच्चों को पढऩे का मौका मिलेगा। फिलहाल शिक्षा विभाग ने 11 जिलों में ऐसे स्कूल खोलने के लिए मंजूरी दी है। कैथल के मानस में दस एकड़ में यह स्कूल खोला जाएगा। ग्राम पंचायत ने स्कूल के लिए दस एकड़ जमीन देने के लिए हामी भर दी है। ग्राम पंचायतें यह जमीन मुफ्त में शिक्षा विभाग को देंगी। शिक्षा विभाग वहां मॉडर्न स्कूल बनवाएगा। नौंवी से 12वीं तक इन स्कूलों में शिक्षा दी जाएगी। प्राध्यापकों की भी भर्ती की जाएगी। इन स्कूलों में ग्रामीण बच्चों को हर सुविधा उपलब्ध होगी। नवोदय और आरोही स्कूलों से अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाने का प्लान है। सभी विषयों की लैब बनवाई जाएगी। होस्टल और खेल के मैदान की भी सुविधा होगी। एक स्कूल पर करीब 15 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
नए सत्र में नौंवी और 11वीं में होगा दाखिला :
इन स्कूलों में जिन बच्चों को दाखिला होगा। उनका पहले हरियाणा शिक्षा भिवानी बोर्ड भिवानी आरोही स्कूलों के साथ टेस्ट लेगा। नौ फरवरी 2014 में बच्चों को टेस्ट लिया जाएगा। जो बच्चे मैरिट में आएंगे। उन्हीं को दाखिला दिया जाएगा। नए सत्र में नौवीं व 11वीं में दाखिला दिया जाएगा। फिलहाल इन स्कूलों का भवन बनना शुरू नहीं हुआ है। भवन बनने तक गांव के सरकारी स्कूलों के भवनों में कक्षाएं लगाई जाएंगी।
यहां खोले जाएंगे स्कूल :
हिसार के गांव बाबलपुर, भिवानी के चरखी दादरी, कैथल के मानस, फतेहाबाद के कुलान, फरीदाबाद के काबुलपुर बांगड़, गुडग़ांव के गोसगढ़, पानीपत के आटा, रेवाड़ी के सैलावास, सोनीपत के गुरुकुल बैणसवान, सिरसा में बिहार वाला खुर्द में नए सत्र से स्कूल खोलने का प्लान है।
" इन स्कूलों में भूमिहीन मजबूर किसानों के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। इसके लिए इन स्कूलों की परिकल्पना की गई है। जिस प्रकार राजीव गांधी ने 1986 में केंद्रीय विद्यालय खोले थे। उसी तरह तीन साल पहले आरोही स्कूल खेले गए हैं। अब किसान माडर्न स्कूलों का लक्ष्य है कि ग्रामीण आंचल के बच्चों को आधुनिक शिक्षा प्रणाली व सूचना प्रौद्योगिकी से लैस करना है। आरोही स्कूलों से भी अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाया जाएगा। इसमें ज्यादातर शेयर प्रदेश सरकार का ही होगा।"--रणदीप सिंह सुरजेवाला, लोक निर्माण व उद्योग मंत्री हरियाणा। db
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