** 17 जिलों के एससी, बीसी बच्चों की गलत जानकारी दी
** शुरुआती जांच में ही सामने आई बड़ी गड़बडिय़ां
** प्रदेश में 1500 हाई स्कूल और 1700 सीनियर सेकंडरी स्कूल
भिवानी : प्रदेश के अनेक सरकारी और एडिड स्कूलों ने एससी, बीसी विद्यार्थियों की गलत सूचना देकर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को लाखों की चपत लगाई है। बोर्ड सचिव ने शक होने पर जांच कराई तो मामले की परतें खुलनी शुरू हो गई हैं। शुरुआती जांच में ही गड़बडिय़ां सामने आई हैं। फिलहाल बोर्ड अधिकारी अब सभी स्कूलों की जांच कराने की तैयारी में है।
सरकार की ओर से एससी, बीसी बच्चों को परीक्षा शुल्क में छूट दी जाती है। जनरल कैटेगरी के बच्चों से 10 वीं के विद्यार्थी से पांच सौ रुपये और 12 वीं के बच्चों से 640 रुपये शुल्क लिया जाता है। ये नियम सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों पर ही लागू होते है। बोर्ड इस छूट का क्लेम सरकार से करता है। इस बार ऑन लाइन फार्म भरवाए गए थे। फार्मों के दौरान कोई डॉक्यूमेंटरी प्रूफ भी नहीं मांगा गया। अलग- अलग विद्यार्थी की बजाए स्कूल संचालकों को अपने यहां के कुल बच्चों के हिसाब से फीस का चालान कटवाकर जमा करवाना था। सूत्रों के अनुसार, प्रदेश के विभिन्न स्कूलों ने बोर्ड की इसी लापरवाही का फायदा उठाया और एससी, बीसी बच्चों की संख्या अधिक दिखाकर कम बच्चों की फीस का चालान कटवाया।
बोर्ड सचिव डॉ. अंशज सिंह को शक हुआ। शक होने पर उन्होंने मैट्रिक व सीनियर सेकेंडरी ब्रांच को प्रत्येक जिले के दो- दो स्कूलों में फोन कर एससी, बीसी बच्चों की संख्या की जांच करने के निर्देश दिए। मैट्रिक ब्रांच ने दो- दो स्कूलों में फोन कर जांच शुरू की तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। एक स्कूल में ऑन लाइन फार्म भरते समय 61 एससी,बीसी बच्चे दिखाए। जब फोन कर पूछा गया तो एससी, बीसी बच्चों की संख्या बताई गई 56। ऐसी गड़बडिय़ां एक- दो स्कूलों में नहीं बल्कि 21 में से करीब 16-17 जिलों के स्कूलों में मिली। ऐसी ही गड़बडिय़ां सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की कक्षाओं में भी मिली। जिले के दो- दो स्कूलों की जांच में ही इस तरह की गड़बडिय़ां सामने आने से अब प्रदेश में बड़ा घोटाला होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। कर्मचारी संगठनों ने सभी स्कूलों की जांच कराने की मांग की है।
दस्तावेज प्रमाण नहीं मांगना बोर्ड को पड़ गया महंगा
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने इस बार ऑन लाइन फार्म भरवाए है। जिसमें स्कूल अनुसार एससी, बीसी व जनरल बच्चों की संख्या ही मांगी गई है। एससी, बीसी बच्चों के दस्तावेजों संबंधी कोई प्रमाण नहीं मांगा। इसी का विभिन्न एडिड व सरकारी स्कूलों ने फायदा उठाया और गलत जानकारी देकर कम फीस का चालान कटवाया।
सभी जिलों के दो-दो स्कूलों की जांच की गई
"एससी, बीसी बच्चों की फीस माफ होती है। हमें शक हुआ कि कुछ स्कूलों ने एससी,बीसी बच्चों की गलत रिपोर्ट बोर्ड को दी है। जिसके आधार पर ट्रायल बेस पर प्रत्येक जिले के दो- दो स्कूलों की जांच कराई गई है। जांच होने के बाद ही गड़बडिय़ों के बारे में कुछ कहा जा सकता है। अगर गड़बड़ी मिली तो सभी स्कूलों की जांच कराई जाएगी।"--डॉ. अंशज सिंह, सचिव हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड db
दस्तावेज प्रमाण नहीं मांगना बोर्ड को पड़ गया महंगा
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने इस बार ऑन लाइन फार्म भरवाए है। जिसमें स्कूल अनुसार एससी, बीसी व जनरल बच्चों की संख्या ही मांगी गई है। एससी, बीसी बच्चों के दस्तावेजों संबंधी कोई प्रमाण नहीं मांगा। इसी का विभिन्न एडिड व सरकारी स्कूलों ने फायदा उठाया और गलत जानकारी देकर कम फीस का चालान कटवाया।
सभी जिलों के दो-दो स्कूलों की जांच की गई
"एससी, बीसी बच्चों की फीस माफ होती है। हमें शक हुआ कि कुछ स्कूलों ने एससी,बीसी बच्चों की गलत रिपोर्ट बोर्ड को दी है। जिसके आधार पर ट्रायल बेस पर प्रत्येक जिले के दो- दो स्कूलों की जांच कराई गई है। जांच होने के बाद ही गड़बडिय़ों के बारे में कुछ कहा जा सकता है। अगर गड़बड़ी मिली तो सभी स्कूलों की जांच कराई जाएगी।"--डॉ. अंशज सिंह, सचिव हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड db
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