•21 से 23 जनवरी तक प्रस्तावित हैं हड़ताल
•सरकार पर लगाया मनमानी का आरोप
झज्जर: सर्व कर्मचारी संघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में 21 से 23 जनवरी तक होने वाली हड़ताल एवं आक्रोश प्रदर्शन से पहले 6 जनवरी को सरकार को एक नोटिस देने का निर्णय लिया है।
इस संबंध में सिंचाई भवन में सोमवार को एक बैठक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य प्रधान धर्मबीर फौगाट ने की, जबकि संचालन सुभाष लांबा महासचिव द्वारा किया गया। बैठक में संघ के केंद्रीय कमेटी के नेता, जिला प्रधान, सचिवों संबंधित कर्मचारी संगठनों के प्रदेश प्रधान व सचिवों ने भाग लिया। महासचिव सुभाष लांबा व राजेंद्र जुलाना ने बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 13 व 14 नवंबर की राज्यव्यापी हड़ताल व 22 दिसंबर की सफल हल्ला बोल रैली करने के बावजूद प्रदेश के कर्मचारियों व शिक्षकों की उचित मांगों को लागू न करने के चलते और पीपीपी संबंधित नीतियों के विरोध में हड़ताल की जाएगी। 21 जनवरी से 72 घंटे की प्रदेशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए संबंधित विभागों के प्रदेश स्तरीय कर्मचारी नेताओं से विचार-विमर्श के बाद टीमों का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि रोजगार का बदलता स्वरूप एवं युवा वर्ग पर इसके पड़ने वाले प्रभाव के लिए 6 जनवरी कैथल में, 7 को रोहतक में, 8 को फतेहाबाद में, 9 को जींद में, 10 को कुरुक्षेत्र में, 11 को हिसार व नरवाना में, 12 जनवरी को करनाल व पानीपत में जिला स्तरीय सेमिनारों को आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार का स्वरूप बदल रहा है।
फीसों की बढ़ोतरी से शिक्षा से वंचित, प्राईवेट अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित, निजीकरण व ठेका प्रथा से रोजगार से वंचित होना पड़ रहा है। इस दौरान सुभाष लांबा, सरवत पुनिया, जीवन सिंह, सविता, वजीर सिंह, सुखदेव, रतन जिंदल, हितेश, राजबीर, श्रीपाल, सुनीता, मुकेश यादव, सरोज दुजाना, मानसिंह और धर्मबीर हुड्डा मौजूद थे। au
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.