जींद : अर्बन एस्टेट निवासी एक महिला प्रार्थी के एक प्रश्न का उत्तर सही होने के बावजूद भी बोर्ड द्वारा गलत बताया गया है, जिससे वह मात्र एक अंक से एचटेट की परीक्षा पास नहीं कर पाई। इसे लेकर प्रार्थी ने बोर्ड प्रशासन से गुहार भी लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब महिला ने अपने हक को पाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी की है।
जींद शहर की अर्बन एस्टेट निवासी मनजीत कौर ने बताया कि उसने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित एचटेट 2013 लेवल प्रथम (जेबीटी) का एग्जाम रोल नंबर 1061751 के तहत दिया था। बोर्ड द्वारा ग्रेस माक्र्स दिए जाने के बाद वह एक अंक से फेल कर दी गई। उसके 89 अंक दर्शाए गए हैं। मनजीत कौर के मुताबिक बोर्ड द्वारा जून में ली गई एचटेट परीक्षा के लेवल प्रथम की परीक्षा में उसने भाग लिया था। इसमें कोड ई का पेपर आया हुआ था। इसमें हिंदी भाषा के प्रश्न नंबर 33 में श्यामा शब्द के विभिन्न अर्थों को व्यक्त करने वाला शब्द समूह चुनने के लिए कहा गया था। इसमें पहले विकल्प में राधा, यमुना व कोयल तथा दूसरे विकल्प में काली, कोयल व रात्रि शब्द समूह दिए गए थे। बोर्ड के अनुसार श्यामा के विभिन्न अर्थों के लिए पहले विकल्प को ही सही माना गया, जबकि मैंने दूसरे विकल्प का चयन किया था, वह भी सही है। मगर बोर्ड ने मेरे चयन को सही न मानते हुए मुझे एक अंक से एचटेट पास करने से वंचित कर दिया। आवेदनकर्ता मनजीत कौर ने बताया कि इसे लेकर उसने एमडीयू के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. हरिश्चंद्र वर्मा व केयूके की हिंदी विभाग की प्रो. डॉ. पुष्पा रानी से संपर्क कर जानकारी मांगी। इन विशेषज्ञों ने लिखित में प्रश्न नंबर 33 के दूसरे विकल्प को भी सही बताते हुए इसका अंक बोर्ड द्वारा देने की बात कही। इसके अलावा हिंदी थिसारस के समांतर कोश व सरल हिंदी शब्दकोश में भी श्यामा शब्द के विभिन्न अर्थों में काली, कोयल और रात्रि को दर्शाया गया है। मनजीत कौर ने इसे बोर्ड की लापरवाही बताते हुए दोबारा से पेपर चेक कर अंक देने की मांग की है।
मंजीत का कहना है कि अगर उसे एक और नंबर मिल जाता तो वह अब पास होती और राज्य सरकार की टीचर भ्र्ती में शामिल होती। उसे उसका हक मिलना चाहिए और उसे बोर्ड पास करे। उसकी कोई गलती नहीं है। db
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